मुंबई सेंट्रल स्टेशन का नाम बदलकर नाना जगन्नाथ शंकरसेठ करने का प्रस्ताव

महाराष्ट्र कैबिनेट ने 13 मार्च को रेल मंत्रालय से मुंबई सेंट्रल स्टेशन का नाम बदलकर नाना जगन्नाथ शंकरसेठ (Nana Jagannath Shankarseth) के नाम पर करने के लिए कहने का फैसला किया।

समाज सुधारक, शिक्षाविद् और परोपकारी नाना जगन्नाथ शंकरसेठ (10 फरवरी, 1803-जुलाई 31, 1865) को अक्सर मुंबई (तब बॉम्बे) के “वास्तुकार” के रूप में वर्णित किया जाता है।

वह बम्बई विधान परिषद में नामांकित होने वाले पहले भारतीय थे। उन्होंने नेटिव स्कूल ऑफ बॉम्बे की स्थापना की, जिसका नाम पहले बॉम्बे नेटिव इंस्टीट्यूशन और फिर बोर्ड ऑफ एजुकेशन रखा गया। अंततः यह संस्था प्रतिष्ठित एलफिंस्टन कॉलेज के रूप में विकसित हुई।

भारत में पहली ट्रेन 16 अप्रैल, 1853 को बोरीबंदर और ठाणे के बीच चली थी। ग्रेट इंडियन पेनिन्सुलर रेलवे कंपनी द्वारा 34 किलोमीटर की परियोजना शुरू की गई थी। इस परियोजना को गति देने वाली समिति में सर जमशेदजी जीजीभॉय और नाना शंकरसेठ शामिल थे

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