Wolf-Rayet: मैग्नेटार बनाने की क्षमता वाला एक विशाल हीलियम तारा की खोज

दुनिया भर में कई दूरबीनों का उपयोग करते हुए, एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय और अन्य जगहों के खगोलविदों ने वुल्फ-रेयेट स्टार एचडी 45166 (Wolf-Rayet star HD 45166) में एक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र की पहचान की है, जो एक मैग्नेटार  (magnetar) बनने की संभावना है।

  • यह खोज एक नए प्रकार के खगोलीय पिंड-विशाल यानी चुंबकीय हीलियम तारे-की खोज का प्रतीक है और मैग्नेटार्स (magnetars) की उत्पत्ति पर प्रकाश डालती है।
  • मैग्नेटार बेहद मजबूत चुंबकीय क्षेत्र वाले न्यूट्रॉन तारे (neutron stars) हैं, जिनकी उत्पत्ति पर बहस चल रही है। एक संभावना मूल तारे के कोर में चुंबकीय क्षेत्र का विस्तार है, जो सुपरनोवा विस्फोट के दौरान न्यूट्रॉन तारे का निर्माण करता है।
  • शोधकर्ताओं ने वुल्फ-रेयेट में एक उच्च चुंबकीय क्षेत्र की पहचान करने के लिए स्पेक्ट्रोपोलरिमेट्री का उपयोग किया।
  • वुल्फ-रेयेट का द्रव्यमान इतना अधिक होता है कि यह एक सुपरनोवा में एक न्यूट्रॉन स्टार को उत्पन्न कर सकता है।
  • विशाल तारे जो तारकीय विकास (stellar evolution) के एडवांस्ड चरण में होते हैं और बहुत तेज़ दर से अपना द्रव्यमान खो रहे होते हैं, वुल्फ-रेयेट  तारे के रूप में जाने जाते हैं।
  • आम तौर पर सूर्य के द्रव्यमान से 25 गुना अधिक होने के कारण, उनका जीवनकाल छोटा होता है और इसलिए वे काफी दुर्लभ पिंड हैं।

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