जापान में गर्भवती महिलाओं के पुनर्विवाह प्रतिबंध को समाप्त करने को कैबिनेट की मंजूरी

जापानी कैबिनेट मंत्रियों ने 14 अक्टूबर को उस कानून को खत्म करने को मंजूरी दी है, जिसमें तलाक के समय गर्भवती महिलाओं को दोबारा शादी करने से पहले 100 दिन इंतजार करना पड़ता है। आलोचकों ने 1896 के इस कानून को वापस लेने के लिए अभियान चलाया है।

1896 के इस कानून में छह महीने के लिए पुनर्विवाह पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन वर्ष 2016 में इसमें संशोधित कर प्रतिबंध अवधि को छह महीने से घटाकर 100 दिन कर दिया गया।

पिता अपनी जिम्मेदारी से दूर न भाग जाए इसलिए यह कानून लागू करने की बात कही जाती थी

आलोचकों का मानना है कि यह कानून पुराना और भेदभावपूर्ण है।

मंत्रियों ने एक अन्य संशोधन को भी मंजूरी दी है जो उस नियम को भी हटा देगा जो माता-पिता को बच्चों को किसी भी आवश्यक सीमा तक अनुशासित करने का अधिकार देता है।

1898 की नागरिक संहिता के तहत, जो अभी भी लागू है, तलाक के 300 दिनों के भीतर एक महिला से पैदा हुए बच्चे को उसके पूर्व पति का माना जाता है, भले ही उसने पुनर्विवाह किया हो। कई महिलाएं रेगुलेशन का पालन करने के बजाय अपने बच्चों को पंजीकृत नहीं करने का विकल्प चुनती हैं, खासकर घरेलू दुर्व्यवहार के मामलों में।

संशोधन से तलाकशुदा गर्भवती महिलाओं के बच्चे को उसका अभिभावक मिल सकेगा। संशोधित नियम के तहत तलाकशुदा गर्भवती महिला के बच्चे का पिता, उस महिला का नया पति होगा।

सरकार 10 दिसंबर को समाप्त होने वाले वर्तमान संसदीय सत्र में संशोधित नागरिक संहिता प्रस्तुत करेगी और पारित होने पर परिवर्तन 2024 में लागू होने की उम्मीद है।

बता दें कि विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट में जापान लगातार निम्न स्थान पर है, जो राजनीतिक सशक्तिकरण के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक भागीदारी को भी ध्यान में रखता है। 2022 में देश को 146 देशों में 116वें स्थान पर रखा गया था।

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