ग्रीन मेथनॉल उत्पादन की संभावना तलाशने के लिए NTPC ने किये समझौता ज्ञापन
NTPC ने इटली स्थित मैयर टेक्निमोंट समूह की भारतीय सहायक कंपनी टेक्निमोंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक गैर-बाध्यकारी समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य भारत में NTPC की परियोजना में वाणिज्यिक पैमाने पर हरित मेथनॉल (Green Methanol) उत्पादन की सुविधा विकसित करने की संभावना का संयुक्त रूप से मूल्यांकन करना और पता लगाना है।
ग्रीन मेथनॉल
ग्रीन मेथनॉल निम्न-कार्बन वाला ईंधन है जिसे या तो बायोमास गैसीकरण या नवीकरणीय बिजली या कैप्चर कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) से बनाया जा सकता है।
NTPC की हरित मेथनॉल परियोजना में इसके विद्युत संयंत्रों से कार्बन कैप्चर और इसे हरित ईंधन में परिवर्तित करना शामिल है।
हरित मेथनॉल का उपयोग रासायनिक उद्योग के लिए आधार सामग्री के रूप में, नवीकरणीय विद्युत का भंडारण करने में और परिवहन ईंधन के रूप में भी किया जा सकता है।
इसे समुद्री जहाज ईंधन (मैरीटाइम फ्यूल) के रूप में इस्तेमाल के लिए एक स्थानापन्न ईंधन भी माना जाता है।
मेथनॉल के बारे में
मेथनॉल निम्न कार्बन, हाइड्रोजन वाहक ईंधन है जो उच्च राख वाले कोयले (हाई ऐश कोल्), कृषि अपशिष्टों, ताप विद्युत संयंत्रों से CO2 और प्राकृतिक गैस से उत्पादित होता है।
हालांकि पेट्रोल और डीजल की तुलना में इसमें ऊर्जा की मात्रा थोड़ी कम होती है, लेकिन मेथनॉल परिवहन क्षेत्र (सड़क, रेल और समुद्री), ऊर्जा क्षेत्र (डीजी सेट, बॉयलर, प्रोसेस हीटिंग मॉड्यूल, ट्रैक्टर और वाणिज्यिक वाहन शामिल हैं) और रिटेल कुकिंग (एलपीजी [आंशिक रूप से], मिट्टी के तेल और लकड़ी के चारकोल की जगह) ईंधनों का स्थान ले सकता है।
अन्य वैकल्पिक ईंधनों की तुलना में मेथनॉल का उत्पादन सस्ता है। गैसोलीन की तुलना में मेथनॉल में ज्वलनशीलता का कम जोखिम होता है।
मेथनॉल का निर्माण विभिन्न प्रकार के घरेलू कार्बन-आधारित फीडस्टॉक्स से किया जा सकता है, जैसे कि बायोमास, प्राकृतिक गैस और कोयला।