Ghaem-100: ईरान ने ठोस-ईंधन वाले रॉकेट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया

ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने 5 नवंबर को एक नए उपग्रह ले जाने वाले रॉकेट का परीक्षण किया, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को फिर को से चिढ़ा सकता है। अमेरिका को डर है कि उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लंबी दूरी की बैलिस्टिक तकनीक का इस्तेमाल ईरान परमाणु हथियार लॉन्च करने के लिए भी कर सकता है।

बता दें कि ईरान बार-बार ऐसी किसी मंशा से इनकार करता रहा है लेकिन अमेरिका को विश्वास नहीं है।

घाएम 100 (Ghaem-100) नामक ईरान का यह पहला थ्री-स्टेज लॉन्च व्हीकल पृथ्वी की सतह से 500 किमी की कक्षा में 80 किलोग्राम वजन के उपग्रहों को स्थापित करने में सक्षम होगा।

मध्य पूर्व में ईरान के पास सबसे बड़े मिसाइल कार्यक्रमों में से एक है। ईरान का कहना है कि उसका उपग्रह कार्यक्रम, उसकी परमाणु गतिविधियों की तरह, वैज्ञानिक अनुसंधान और अन्य नागरिक उपयोगों के उद्देश्य से है।

पिछले एक दशक में, ईरान ने कई अल्पकालिक उपग्रहों को कक्षा में भेजा है और 2013 में एक बंदर को भी अंतरिक्ष में भेजा था। हालाँकि, हाल के वर्षों में इस कार्यक्रम में कई असफल उपग्रह प्रक्षेपण भी हुए हैं।

ईरान ने अप्रैल 2020 में अपना पहला सैन्य उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किया था जिस पर अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र के एक संकल्प के द्वारा ईरान से विश्व के छह शक्तिशाली देशों के साथ एक समझौते के बाद परमाणु हथियार वितरित करने के लिए डिज़ाइन की गई बैलिस्टिक मिसाइलों पर काम करने से आठ साल तक परहेज करने का आह्वान किया था।

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