डॉक्ट्रिन ऑफ हॉर्मोनियस कंस्ट्रक्शन

सुप्रीम कोर्ट ने 08 अप्रैल को लिमिटेशन एक्ट, 1963 की धारा 3 और 5 के संदर्भ में डॉक्ट्रिन ऑफ हॉर्मोनियस कंस्ट्रक्शन (Doctrine of harmonious construction) प्रदान करके आठ सिद्धांत निर्धारित किए।

डॉक्ट्रिन ऑफ हॉर्मोनियस कंस्ट्रक्शन का अर्थ है कि जब अलग-अलग कानूनों के बीच  टकराव उत्पन्न होता है, तो ऐसी परिस्थितियों में, अदालतें अन्य किसी कानून को अन्य कानून के सामने अमान्य या शून्य घोषित करने के बजाय उनकी व्याख्या इस तरह से करने का प्रयास करती हैं जिससे वे एक साथ मिलकर सुचारू रूप से काम कर सकें।

इस सिद्धांत का जन्म भारत के संविधान में पहले संशोधन और उस पर  शंकरी प्रसाद सिंह देव बनाम भारत संघ,1951 मामले में सर्वोच्च के निर्णय से हुआ है। इस निर्णय में संविधान के भाग III (मौलिक अधिकार) और भाग IV (नीति निर्देशक तत्व) के बीच असहमति  के मामले पर निर्णय दिया गया था

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