Thoppikkallu: केरल में बड़ी संख्या में मेगालिथिक हैट स्टोन की खोज
हाल ही में केरल राज्य पुरातत्व विभाग को तिरुनावया के पास कुट्टीपुरम गांव के नागापरम्बा (Nagaparamba) में की गई पुरातात्विक खुदाई के दौरान एक ही स्थान से बड़ी संख्या में मेगालिथिक हैट स्टोन (hat stones) मिले हैं
प्रमुख बिंदु
हैट स्टोन, जिन्हें मलयालम में थोप्पिकल्लु (Thoppikkallu) कहा जाता है, अर्धगोलाकार लेटराइट पत्थर हैं जिनका उपयोग महापाषाण काल के दौरान शवों को दफ़न करने वाले कलशों पर ढक्कन के रूप में किया जाता था।
पुरातत्वविदों का कहना है कि यह यकीनन राज्य में किसी असुरक्षित स्थल पर हैट स्टोन्स की सबसे बड़ी संख्या हो सकती है।
आशंका है कि हाल के दिनों में स्थानीय लोगों द्वारा कई हैट स्टोन्स को अनजाने में नष्ट कर दिया गया है।
कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें हैट स्टोन्स की पुरातात्विक महत्व के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और जब उन्होंने घर के निर्माण के लिए अपनी ज़मीन साफ़ की तो उनमें से कई नष्ट हो गए।
बता दें कि केरल में कलश शवाधान को ढ़कने के लिए हैट स्टोन को कई तरीके से रखा जाता था।
कुडक्कल्लु (Kudakkallu), जो आमतौर पर पूरे केरल राज्य में देखा जाता है, में जमीन पर घुमावदार ब्लॉक होते हैं, जिनके बीच में एक खोखली जगह होती है और ऊपर एक छतरी के आकार की चट्टान होती है जिन्हें हैट स्टोन कहा जाता है।
दूसरी ओर थोप्पिकल्लु शवाधान प्रक्रिया में, एक छतरी के आकार की चट्टान को जमीन के ऊपर रखा जाता है।
‘मुथुमक्कथाज़ी/ ‘Muthumakkathazhi” या ‘नन्ननगाडी’ (शवाधान कलश) महापाषाणिक शवाधान स्मारक का दूसरा रूप है जिसमें शव को एक बड़े कलश में दफनाया जाता है। ये कलश केरल के कई तटीय इलाकों में पाए गए हैं।