इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उत्तर प्रदेश के चंदौली में इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल (Indo-Israel Center of Excellence for Vegetables) का वर्चुअल शिलान्यास किया। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि खेती को उन्नत बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार मिलकर चौतरफा काम कर रही हैं।
इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल की स्थापना चंदौली जिले के साथ-साथ पूर्वांचल के विकास में भी अहम भूमिका निभाएंगी। यहां उन्नत सब्जियों के बीज और पौधे तैयार कर किसानों को वितरित किए जाएंगे। किसान अपने लिए पौधों का विकास स्वयं भी प्रायोजित कर सकते हैं।
किसानों को सब्जियों की पैदावार को बढ़ाने में काफी लाभ मिलेगा। खेती के आधुनिकतम तरीकों का प्रयोग कर किसान बेहतर उपज हासिल कर सकेंगे और सब्जियां निर्यात भी कर सकेंगे।
इस उत्कृष्टता केंद्र से कृषि क्षेत्र को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने के लिए सब्जियों सहित अन्य कृषि उत्पादों की नर्सरी तैयार की जाएगी। इससे न सिर्फ यहां के किसानों को फायदा होगा बल्कि सब्जी और कृषि के क्षेत्र में जिले का नाम दुनियाभर में होगा।
उ.प्र. के चावल के कटोरे के रूप में पहचान रखने वाले चंदौली जिले की जलवायु सब्जियों के उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए उपयुक्त है। राज्य में 9 कृषि-जलवायु स्थिति क्षेत्र हैं, जो वर्ष भर विभिन्न बागवानी फसलों की खेती के लिए अनुकूल रहते हैं।
सब्जियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र में टमाटर, काली मिर्च, बैंगन, मिर्च, खीरा, कोल फसल व विदेशी सब्जियों का हाई टेक क्लाइमेट कंट्रोल्ड ग्रीन हाउस में सीडलिंग उत्पादन किया जाना प्रस्तावित है, वहीं खुले मैदान में टमाटर, काली मिर्च, बैंगन, मिर्च, खीरा, कोल फसल, बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न व विदेशी सब्जियों की खेती प्रस्तावित है।
खुले में सूक्ष्म सिंचाई के साथ-साथ फर्टिगेशन व केमिगेशन सिस्टम के साथ खेती का परीक्षण-प्रदर्शन किया जाएगा। टपका, फव्वारा सिंचाई, अन्य प्लास्टिक कल्चर अनुप्रयोगों की स्थापना का प्रदर्शन भी होगा.
भारत-इजरायल कार्य योजना (IIAP) के तहत इज़राइल द्वारा इज़राइली विशेषज्ञों के माध्यम से उत्कृष्टता केंद्र को प्रौद्योगिकी प्रदान की जाती है, जिन्हें प्रदर्शित करने की दृष्टि से अवसंरचना निर्माण के लिए राशि एमआईडीएच से उपलब्ध कराई जाती है।
इज़राइली प्रौद्योगिकियों के आधार पर राज्यों में उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित किए जा रहे हैं। ये उत्कृष्टता केंद्र बागवानी क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों के लिए प्रदर्शन व प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करते हैं। ये संरक्षित खेती के लिए फलों व सब्जियों की पौध के लिए रोपण सामग्री के स्रोत के रूप में भी काम करते हैं।