ग्रेटर पन्ना लैंडस्केप के लिए एकीकृत लैंडस्केप प्रबंधन योजना

जल शक्ति मंत्रालय ने 2 जून को ग्रेटर पन्ना लैंडस्केप (Greater Panna Landscape) के लिए एकीकृत लैंडस्केप प्रबंधन योजना (Integrated Landscape Management Plan) की अंतिम रिपोर्ट जारी की। इस एकीकृत लैंडस्कैप प्रबंधन योजना को भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के संबंध में तैयार की है।

  • केन-बेतवा लिंक परियोजना पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच 22 मार्च, 2021 को एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद इसके कार्यान्वयन के लिए दिसंबर, 2021 में भारत सरकार ने मंजूरी दी थी।
  • एकीकृत लैंडस्केप प्रबंधन योजना में बाघ, गिद्ध और घड़ियाल जैसी प्रमुख प्रजातियों के बेहतर आवास संरक्षण और प्रबंधन के लिए प्रावधान हैं। यह जैव विविधता संरक्षण और मानव कल्याण, विशेष रूप से वन आश्रित समुदायों के लिए लैंडस्केप को समग्र रूप से समेकित करने में मदद करेगा।
  • इससे मध्य प्रदेश में नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य और दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य तथा उत्तर प्रदेश में रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य के साथ संपर्क को मजबूत करके इस लैंडस्केप में बाघ रखने की क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद है।

केन-बेतवा लिंक परियोजना

  • केन-बेतवा लिंक परियोजना वर्ष 2005 में मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश व भारत सरकार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।
  • केन, बेतवा एवं इनकी सहायक नदियों पर बांधों का निर्माण कर जल संग्रहित होगा। बुंदेलखंड क्षेत्र की जनता को सिंचाई व पेयजल की सुविधा मिलेगी।
  • दौधन बांध से लगभग 221 किमी लंबी केन-बेतवा लिंक नहर निकलेगी। झांसी में बरूआसागर के पास बेतवा नदी से जोड़ दिया जाएगा।

राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के तहत केन-बेतवा लिंक देश की पहली राष्ट्रीय परियोजना है।

  • एक नए अध्ययन में कहा गया है कि केन-बेतवा रिवर इंटरलिंकिंग (केबीआरआईएल) परियोजना से मध्य प्रदेश में पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा, जिससे बाघ और इसकी प्रमुख शिकार प्रजातियों जैसे चीतल और सांभर को बड़ा नुकसान होगा।।
  • केन-बेतवा संपर्क परियोजना परियोजना से उत्‍तर प्रदेश और मध्‍य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के सूखा प्रवण क्षेत्रों को लाभ पहुंचेगा।
  • इस परियोजना के तहत 176 किलोमीटर की लिंक कनाल का निर्माण किया जाएगा, जिससे केन और बेतवा नदी को जोड़ा जा सके। सरकार का दावा है कि इससे बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की समस्या दूर हो जाएगी।
  • इस परियोजना के चलते 62 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा साथ ही मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के करीब 10.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई के लिए पानी की जरुरत को पूरा किया जा सकेगा।

राष्‍ट्रीय परिप्रेक्ष्‍य योजना (NPP)

  • मंत्रालय द्वारा अगस्त, 1980 में तैयार अंतर-बेसिन जल अंतरण के माध्‍यम से जल संसाधन विकास के लिए राष्‍ट्रीय परिप्रेक्ष्‍य योजना (एनपीपी) के तहत एनडब्‍ल्‍यूडीए ने साध्‍यता रिपोर्ट तैयार करने हेतु 30 संपर्कों (प्रायद्वीपीय घटक के तहत 16 और हिमालयी घटक के तहत 14) की पहचान की है।
  • सर्वेक्षण और जांच के पश्‍चात् प्रायद्वीपीय घटक के तहत 14 संपर्कों और हिमालयी घटक में दो संपर्को की एफआर तैयार कर ली गई है।
  • संबंधित राज्‍यों की सहमति के आधार पर विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने हेतु चार प्राथमिक संपर्को जैसे केन-बेतवा संपर्क परियोजना (केबीएलपी) चरण-। और ।।, दमनगंगा-पिंजाल संपर्क, पार-तापी-नर्मदा संपर्क और महानदी-गोदावरी संपर्क की पहचान की गई है।

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