भारत ने BBNJ एग्रीमेंट यानी हाई-सी ट्रीटी पर हस्ताक्षर किये

भारत ने समुद्र में समुद्री जैव विविधता की रक्षा के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 25 सितंबर 2024 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में “राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से परे जैव विविधता (BBNJ) समझौते पर हस्ताक्षर किए।

इस संधि को “राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से परे क्षेत्रों की समुद्री जैविक विविधता के संरक्षण और सतत उपयोग (Conservation and Sustainable Use of Marine Biological Diversity of Areas beyond National Jurisdiction) यानी BBNJ एग्रीमेंट” के रूप में जाना जाता है।

इसे खुला समुद्र संधि (High Seas Treaty) के रूप में भी जाना जाता है।

यह समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCLOS) के तहत एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है।

BBNJ को ​​19 जून 2023 को संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से परे क्षेत्रों की समुद्री जैव विविधता पर अंतर-सरकारी सम्मेलन द्वारा अपनाया गया था।

यह एक “अंतर्राष्ट्रीय कानूनी बाध्यकारी संधि (international legal binding): है। यह 20 सितंबर 2025 तक न्यूयॉर्क में हस्ताक्षर के लिए खुला है।

यह संधि समुद्री जीवन की बहाली और जलवायु परिवर्तन के प्रति इसकी सहनशीलता को बढ़ाने के लिए हाई-सी पर बड़े संरक्षित क्षेत्रों के निर्माण की अनुमति देगी।

भारत सहित अब तक 101 देशों ने संधि पर अपनी सहमति व्यक्त करने के लिए संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। हालाँकि, अब तक केवल 10 देशों ने इसकी पुष्टि की है।

यह औपचारिक रूप से तब लागू होगा जब कम से कम 60 सरकारें इसे राष्ट्रीय कानून में अपना लेंगी।

खुला समुद्र महासागर के लगभग दो-तिहाई (64%) क्षेत्र को कवर करता है यानी पृथ्वी ग्रह की सतह का लगभग आधा हिस्सा।

यह समझौता यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि खुला समुद्र पर समुद्री जीवन को संरक्षित और उपयोग किया जाए, जो राष्ट्रों के क्षेत्रीय जल और अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) से परे है यानी तटों से 200 समुद्री मील या 370 किमी के बाद का समुद्री जल क्षेत्र।

संधि के पक्षकार खुले समुद्र से प्राप्त समुद्री संसाधनों पर संप्रभुता का दावा या प्रयोग नहीं कर सकते हैं तथा लाभों का निष्पक्ष और न्यायसंगत बंटवारा सुनिश्चित करेंगे।

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