102वें अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस 2024

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने 6 जुलाई को गुजरात के गांधीनगर में 102वें अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस (International Day of Cooperatives) के अवसर पर आयोजित ‘सहकार से समृद्धि’ कार्यक्रम को संबोधित किया।

इस वर्ष 6 जुलाई को दुनिया भर की सहकारी समितियों ने “सहकारिता सभी के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण कर रही है” (Cooperatives Building a Better Future for All) थीम के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस मनाया।

अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस प्रत्येक वर्ष जुलाई के पहले शनिवार को मनाया जाता है। यद्यपि इसे पहली बार 2005 में संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में मनाया गया था, लेकिन इसकी उत्पत्ति 1923 में हुई थी, जब इसे पहली बार अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता आंदोलन और अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन द्वारा मनाया गया था।

सहकारी का सबसे पहला रिकॉर्ड स्कॉटलैंड से 14 मार्च 1761 का प्राप्त होता है। 1844 में इंग्लैंड के उत्तर में कपास मिलों में काम करने वाले 28 कारीगरों के एक समूह ने पहला आधुनिक सहकारी व्यवसाय स्थापित किया।

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार 12% से अधिक मानवता पृथ्वी पर 3 मिलियन सहकारी समितियों में से किसी एक का हिस्सा है।

भारत में केंद्र सरकार ने तीन मल्टी-स्टेट कोआपरेटिव संस्थाएं बनाई हैं – जैविक यानी आर्गेनिक समिति, निर्यात समिति और बीज समिति।

आज भी देश में 2 लाख पंचायतें ऐसी हैं जहाँ एक भी सहकारी संस्था नहीं है। सरकार ने लक्ष्य रखा है कि अगले 5 वर्षों में  इन दो लाख पंचायतों में बहुउद्देशीय PACS बनाने के लिए प्रयास करेगी।

केंद्र सरकार ने PACS के लिए मॉडल उपनियम भी बनाए हैं और PACS के राज्य सूची का विषय होने के बावजूद, कश्मीर से कन्याकुमारी और असम से द्वारका तक हर राज्य ने इन मॉडल उपनियमों को स्वीकार किया है।

PACS सहकारी समितियां हैं और यह भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की राज्य सूची की प्रविष्टि 32 के तहत राज्य सूची का विषय है।

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