फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNRWA)

अमेरिका और आठ अन्य पश्चिमी देशों ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (United Nations agency for Palestinian refugees: UNRWA) को दी जाने वाली फंडिंग रोकने का फैसला किया है। ये देश संयुक्त रूप से UNRWA के 2022 के बजट में आधे से अधिक का योगदान दिया था।

गौरतलब है कि इजराइल ने आरोप लगाया है कि उसके यहां 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले में UNRWA के 12 कर्मचारी शामिल थे। यह भी दावा किया गया है कि हमास UNRWA को दिए गए धन का अपनी गतिविधियों के लिए उपयोग कर लेता है तथा एजेंसी के केंद्रों के भीतर से और आसपास से हमला करता है।

बता दें कि 1948 के युद्ध के बाद, फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए सीधे रिलीफ और वर्क  प्रोग्राम चलाने के लिए 8 दिसंबर 1949 के संयुक्त राष्ट्र महासभा संकल्प 302 (IV) द्वारा UNRWA की स्थापना की गई थी।

इस एजेंसी ने 1 मई, 1950 को काम करना शुरू किया। इसकी स्थापना लगभग 700,000 फ़िलिस्तीनियों को सहायता प्रदान करने के लिए की गई थी, जिन्हें 1948 के अरब-इजरायल युद्ध के दौरान वर्तमान इजरायल में अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था।

UNRWA गाजा और इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक के साथ-साथ लेबनान, सीरिया और जॉर्डन में काम करती है। ये ऐसे देश हैं जहां फिलिस्तीनी शरणार्थियों ने अपने निष्कासन के बाद शरण ली थी।

UNRWA  को लगभग पूरी तरह से अमेरिका जैसे डोनर देशों के स्वैच्छिक योगदान (voluntary contributions) से वित्त पोषित किया जाता है। इसे संयुक्त राष्ट्र से आंशिक सब्सिडी भी मिलती है, जिसका उपयोग केवल प्रशासनिक व्यय के लिए किया जाता है।

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