डायल वर्टिकल माइग्रेशन (Diel Vertical Migration: DVM)
आहार के लिए और शिकारियों से बचने के लिए, डीप ओशन के समुद्री जानवर – विशेष रूप से जंतु प्लवक (zooplanktons) – रात में गहराई से समुद्री सतह पर आ जाते हैं। उनकी इस वर्टीकल आवाजाही (डीप ओशन से समुद्री सतह पर फिर वापस डीप ओशन में ) को डायल वर्टिकल माइग्रेशन (diel vertical migration: DVM) कहा जाता है, और यह प्रकृति की सरलता का मनोरम प्रदर्शन करता है।
यह गतिविधि पृथ्वी के कार्बन चक्र में भी महत्वपूर्ण योगदान देइत है। रात में डीप ओशन से ऊपर समुद्री सरफेस पर आकर जंतु प्लवक दिन के शिकारियों के शिकार से बचते हुए सूक्ष्म फाइटोप्लांकटन का आहार करते हैं ।
इस प्रवास का समय सूर्योदय और सूर्यास्त की प्राकृतिक लय के अनुरूप है, और यह प्रवास बायोमास के हिसाब से पृथ्वी पर सबसे बड़ा है। और यह सभी महासागरों में प्रतिदिन घटित होती है।
DVM जंतु प्लवक के जीवित रहने के उद्देश्य से कहीं अधिक उद्देश्यों को पूरा करता है। यह कार्बन को अलग करने (sequestering carbon) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो पृथ्वी की जलवायु को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
मेसोपेलैजिक परत में रहने वाले जानवर सक्रिय रूप से ऊपरी महासागर पर रहने वाले प्लवक का आहार करते हैं। ये फाइटोप्लांकटन कार्बन का अवशोषण करते हैं। इन फाइटोप्लांकटन को आहार बनाकर जंतु प्लवक समुद्री सरफेस के पर्याप्त मात्रा को एब्जॉर्व करते लेते हैं।
जब ये जीव गहरे पानी में वापस जाते हैं, तो वे अपने साथ कार्बन ले जाते हैं। यहां तक कि ट्विलाइट जोन के भीतर भी, कुछ प्रवासी जानवर फ़ूड चैन का हिस्सा बन जाते हैं, और अपने द्वारा अवशोषित कार्बन को अपने शिकारियों तक पहुंचाते हैं।
शिकारियों द्वारा उत्पन्न कार्बन युक्त अपशिष्ट फिर समुद्र तल में डूब जाता है, जहां यह हजारों वर्षों तक फंसा रहता है। यह नेचुरल प्रोसेस एक महत्वपूर्ण कार्बन सिंक है जो वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की कंसंट्रेशन को नियंत्रित करने में मदद करती है।