वर्ष 2023 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार क्लाउडिया गोल्डिन को देने की घोषणा

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने क्लाउडिया गोल्डिन/Claudia Goldin (यूएसए) को वर्ष 2023 का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार (आर्थिक विज्ञान में स्वेरिजेस रिक्सबैंक पुरस्कार) देने का निर्णय लिया है। उन्हें “महिलाओं के श्रम बाजार के परिणामों के बारे में हमारी समझ को बढ़ाने के लिए” अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार देने की घोषणा की गयी है।  

केवल तीसरी महिला

वह अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार पाने वाली केवल तीसरी महिला हैं। एलिनोर ओस्ट्रोम 2009 में अर्थशास्त्र पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला थीं। 2019 में एस्थर डुफ्लो ने भारत और केन्या में गरीब समुदायों पर ध्यान केंद्रित करने वाले काम के लिए अपने पति अभिजीत बनर्जी और माइकल क्रेमर के साथ पुरस्कार साझा किया।

1968 में स्वीडन के केंद्रीय बैंक ने अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार देने की भी घोषणा  की थी। इसे अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में स्वेरिजेस रिक्सबैंक पुरस्कार (Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences in Memory of Alfred Nobel) कहा जाता है।

क्लाउडिया गोल्डिन के शोध के मुख्य निष्कर्ष

गोल्डिन के शोध ने सदियों से महिलाओं की आय और श्रम बाजार भागीदारी का पहला व्यापक विवरण प्रदान किया है।

यह महिलाओं के रोजगार की स्थिति में परिवर्तन के कारणों के साथ-साथ पेमेंट में लैंगिक अंतर के मुख्य कारणों को भी उजागर करता है।

इस शोध से पता चला कि  श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई, बल्कि एक U-आकार का वक्र बना। उन्नीसवीं सदी की शुरुआत में कृषि प्रधान समाज से औद्योगिक समाज में परिवर्तन के साथ श्रम बाजार में विवाहित महिलाओं की भागीदारी कम हो गई, लेकिन फिर बीसवीं सदी की शुरुआत में सेवा क्षेत्र के विकास के साथ इसमें वृद्धि होने लगी। यह पैटर्न घर और परिवार के लिए महिलाओं की जिम्मेदारियों के संबंध में संरचनात्मक परिवर्तन और विकसित हो रहे सामाजिक मानदंडों का परिणाम है।

गर्भनिरोधक गोली तक पहुंच ने करियर योजना के लिए नए अवसर प्रदान करके इस क्रांतिकारी परिवर्तन को तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यदि युवतियों की अपेक्षाएँ पिछली पीढ़ियों के अनुभवों से प्रभावित होती हैं – उदाहरण के लिए, उनकी माताएँ, जो बच्चों के बड़े होने तक रोजगार छोड़ देती थीं – तो इस क्षेत्र में विकास धीमा होगा।

कमाई का बड़ा अंतर अब एक ही व्यवसाय में काम करने वाले पुरुषों और महिलाओं के बीच है, और यह बड़े पैमाने पर पहले बच्चे के जन्म के साथ उत्पन्न होता है।

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