वहीदा रहमान को 53वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने सुप्रसिद्ध अभिनेत्री वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) को वर्ष 2021 के दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की।

वहीदा रहमान

3 फरवरी, 1938 को तमिलनाडु के चेंगलपट्टू में जन्मी वहीदा रहमान ने तमिल फिल्म अलीबाबावम 40 थिरुदरगलम से अपनी करियर की शुरुआत की, लेकिन उनकी सबसे पहली फिल्म तेलुगु में रोजुलु मारायी (1955) रिलीज हुई।

उन्होंने सीआईडी (1956) से हिंदी सिनेमा में प्रवेश किया, जिसमें नायक के रूप में देव आनंद एक सशक्त भूमिका में थे।

वहीदा रहमान ने प्यासा, कागज के फूल, चौदहवी का चांद, साहेब बीवी और गुलाम, गाइड, खामोशी और कई अन्य प्रमुख हिंदी फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के लिए बेहद ख्याति अर्जित की है।

उन्होंने गाइड (1965) और नील कमल (1968) में अपनी भूमिकाओं के लिए फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार जीता। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार (1971) भी जीता और 1972 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया। बाद में 2011 में उन्हें पद्म भूषण से अलंकृत किया गया।

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के बारे में

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्‍थापना भारतीय सिनेमा के पितामह धुंदीराज गोविंद फाल्‍के के नाम पर वर्ष 1969 में की गई थी।

भारतीय सिनेमा के जनक धुंदीराज गोविंद फाल्के के सम्मान में उनके बाद राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार को भारतीय सिनेमा का सबसे गौरवपूर्ण तथा प्रतिष्ठित पुरस्कार का नाम दिया गया।

दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा के विकास में फिल्मी हस्तियों के योगदान को पहचानने के लिए सरकार द्वारा वर्ष 1969 में शुरू किया गया था।

इस पुरस्कार की पहली विजेता देविका रानी थीं।

दादासाहेब फाल्के पुरस्कार फिल्मी हस्तियों को भारतीय सिनेमा के विकास में  उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।

इस पुरस्कार में एक स्वर्ण कमल, 10,00,000 रूपये (दस लाख रूपये) का नकद पुरस्कार ,प्रमाणपत्र, सिल्क स्क्रोल तथा एक शॉल दिया जाता है।

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