PM Vishwakarma: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पारंपरिक कारीगरों व शिल्पकारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने पांच साल की अवधि (वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28) के लिए 13,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ सेंट्रल सेक्टर स्कीम “पीएम विश्वकर्मा” (PM Vishwakarma) को 16 अगस्त 2023 को मंजूरी दी।
पीएम विश्वकर्मा: प्रमुख विशेषताएं
- इस योजना का उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों व शिल्पकारों के गुरु-शिष्य परंपरा या परिवार-आधारित पेशे के पारंपरिक कौशल को मजबूत करना और बढ़ावा देना है।
- इस योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों व सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना है कि विश्वकर्मा घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ जुड़ सकें।
- पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और पहचानपत्र के माध्यम से पहचान दी जाएगी।
- योजना के तहत 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक ऋण सहायता प्रदान की जाएगी।
- इस योजना के तहत बाद में कौशल अपग्रडेशन, टूलकिट प्रोत्साहन, डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान की जाएगी।
- यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों व शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी।
- पीएम विश्वकर्मा के तहत पहले चरण में अठारह पारंपरिक पेशा को शामिल किया जाएगा।