Standing Committee on Statistics: सरकार ने सांख्यिकी पर स्थायी समिति (SCoS) का गठन किया

भारत सरकार ने सांख्यिकी पर स्थायी समिति (Standing Committee on Statistics: SCoS) का गठन किया है। यह आधिकारिक डेटा के लिए एक नया आंतरिक निरीक्षण तंत्र है।

इसने 2019 के अंत में स्थापित आर्थिक सांख्यिकी पर स्थायी समिति (Standing Committee on Economic Statistics: SCES) का स्थान लिया है।

सांख्यिकी पर स्थायी समिति (SCoS)

SCoS के पास राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के तत्वावधान में किए गए सभी सर्वेक्षणों की रूपरेखा और परिणामों की समीक्षा करने का व्यापक अधिकार है

भारत के प्रथम  मुख्य सांख्यिकीविद् (India’s first chief statistician) और राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (NSC) के पूर्व अध्यक्ष प्रणब सेन को नई समिति का अध्यक्ष नामित किया गया है।

SCoS को SCES की तुलना में अधिक कार्य क्षेत्र प्रदान किया गया हैं। इसमें 10 आधिकारिक सदस्य और चार गैर-आधिकारिक सदस्य हैं जो प्रतिष्ठित शिक्षाविद हैं।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पैनल में अधिकतम 16 सदस्य हो सकते हैं।

सभी सर्वेक्षणों के विषय, परिणाम और कार्यप्रणाली पर समय-समय पर उठाए गए सवालों को संबोधित करने के अलावा, SCoS के कार्यों  में उन डेटा कमियों  की पहचान शामिल है जिन्हें आधिकारिक आंकड़ों द्वारा भरने की आवश्यकता है, साथ ही उन कमियों को दूर करने के लिए एक उचित रणनीति भी शामिल है।

डेटा आउटकम में सुधार के लिए प्रशासनिक आंकड़ों  के उपयोग का पता लगाने का कार्य भी सौंपा गया है।

हालांकि यह पैनल सर्वेक्षण परिणामों को अंतिम रूप देने में मदद करेगा, लेकिन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के पास उन परिणामों के प्रकाशन को मंजूरी देने का अंतिम अधिकार होगा। 

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