‘सागर सामाजिक सहयोग’: बंदरगाहों के लिए CSR दिशानिर्देश

केंद्रीय पोत, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पोत, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा ‘सागर सामाजिक सहयोग’ (Sagar Samajik Sahayog) नामक नए कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (corporate social responsibility: CSR) दिशानिर्देशों को जारी किया है।

CSR गतिविधियों के लिए नए दिशा-निर्देश बंदरगाहों को एक रूपरेखा के तहत सामुदायिक कल्याण के लिए परियोजनाएं लाने, शुरू करने और तेजी से उसे पूरा करने में सहायक साबित होंगे, जहां स्थानीय समुदाय भी विकास और परिवर्तन के भागीदार बन सकते हैं।

CSR लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए किसी स्थान या किसी गतिविधि में बदलाव का एक प्रमुख एजेंट बनने की क्षमता रखता है।

सागर सामाजिक सहयोग: प्रमुख प्रावधान

जारी किए गए नए CSR दिशा-निर्देश प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम, 2021 की धारा 70 में निर्धारित गतिविधियों से संबंधित परियोजनाओं और कार्यक्रमों को बेहतर तरीके से प्रभावित करेंगे।

CSR परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के उद्देश्य से, हर प्रमुख बंदरगाह में एक कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व समिति का गठन किया जाएगा। समिति के प्रमुख संबंधित बंदरगाह के उप निदेशक होंगे और इसमें 2 अन्य सदस्य होंगे।

प्रत्येक प्रमुख बंदरगाह प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए एक कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व योजना तैयार करेगा और बंदरगाह के व्यवसाय से संबंधित सामाजिक और पर्यावरणीय चिंताओं के साथ अपने CSR को व्यवसाय योजना से जोड़ेगा।

CSR बजट अनिवार्य रूप से बंदरगाह के शुद्ध लाभ के प्रतिशत के रूप में बोर्ड प्रस्ताव के माध्यम से बनाया जाएगा।

100 करोड़ या उससे कम वार्षिक शुद्ध लाभ वाला बंदरगाह CSR फंड के लिए लाभ का 3 प्रतिशत से 5 प्रतिशत के बीच राशि दे सकता है। इसी तरह, सालाना 100 करोड़ से 500 करोड़ रुपये के बीच शुद्ध लाभ वाले बंदरगाह अपने सीएसआर खर्च को अपने शुद्ध लाभ के 2 प्रतिशत से 3 प्रतिशत के बीच रख सकते हैं, जो कम से कम 3 करोड़ रुपये तो होना ही चाहिए।

उन बंदरगाहों के लिए, जिनका वार्षिक शुद्ध लाभ 500 करोड़ रुपये से अधिक है, CSR खर्च उसके शुद्ध लाभ के 0.5 प्रतिशत से 2 प्रतिशत के बीच हो सकता है।

CSR खर्च का 20 प्रतिशत जिला स्तर पर सैनिक कल्याण बोर्ड, राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर और राष्ट्रीय युवा विकास निधि को दिया जाना चाहिए।

CSR खर्च का 78 प्रतिशत हिस्सा पेयजल, शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास, गैर-पारंपरिक और अक्षय स्रोतों के माध्यम से बिजली, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए आजीविका को बढ़ावा देने, सामुदायिक केंद्रों, छात्रावास जैसे क्षेत्रों पर समुदाय के सामाजिक और पर्यावरणीय कल्याण के लिए खर्च की जानी चाहिए।

कुल CSR फंड की 2 प्रतिशत राशि बंदरगाहों के सीएसआर कार्यक्रमों के तहत चलाई जाने वाली परियोजनाओं की निगरानी के लिए निर्धारित की गई है।

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