जीरो एफआईआर  (Zero FIR)

मणिपुर में जीरो एफआईआर  (Zero FIR) दर्ज करने की संख्या में वृद्धि देखी गयी है। जीरो FIR एक तरह की प्राथमिकी है जिसे  किसी भी नजदीकी पुलिस स्टेशन में दर्ज की जा सकती है, भले ही कोई घटना उस पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में घटित नहीं हुई हो।

यदि आप किसी संज्ञेय अपराध घटित होते देख रखे हैं या आशंका है कि यह घटित हो  सकती है तो आप सीधे किसी भी नजदीकी पुलिस स्टेशन में जा सकते हैं और अपनी FIR को जीरो FIR  के रूप में दर्ज करवा सकते हैं। पुलिस आपको यह नहीं कह सकती है कि, कहीं और जाओ क्योंकि यह अपराध किसी अन्य क्षेत्र में हुआ है या उसके पुलिस क्षेत्राधिकार में नहीं है। अगर पुलिस ऐसा कहती है तो आप सीधे पुलिस अधीक्षक (जिले के एसपी) के पास जा सकते हैं और अगर उससे भी मदद नहीं मिलती है तो आप सीधे न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास जा सकते हैं और उनसे  शिकायत कर सकते हैं।

एक सामान्य FIR  के विपरीत, जो घटना के क्षेत्र में दर्ज किये जाते हैं, जीरो FIR  किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज की जा सकती है, भले ही अपराध उस विशेष पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र के तहत किया गया हो।

जहां FIR को सीरियल नंबर दिए गए हैं, वहीं जीरो FIR को ‘0’ नंबर दिया गया है। इसी वजह से इसे जीरो FIR नाम दिया गया है।

जीरो FIR  की अवधारणा अपेक्षाकृत नई है औ2012 में निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले के बाद न्यायमूर्ति वर्मा समिति की सिफारिश पर पुलिस पर त्वरित कार्रवाई करने और क्षेत्राधिकार का बहाना बनाने से रोकने के लिए कानूनी दायित्व डालने के लिए पेश किया गया था।

दंड संहिता प्रक्रिया अधिनियम 1973 की धारा 154, क्षेत्राधिकार (प्रथम सूचना रिपोर्ट) के बारे में बताती है। जीरो क्षेत्राधिकार भी CrPC की धारा 154 के अंतर्गत आती है।

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