नाटो प्लस (Nato Plus) समूह में भारत को शामिल करने की सिफारिश
एक अमेरिकी कांग्रेस कमेटी ने “चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा” जीतने के लिए पांच सदस्यीय नाटो प्लस (Nato Plus) समूह में भारत को शामिल करने की सिफारिश की है। संयुक्त राज्य अमेरिका और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा पर सदन की प्रवर समिति ने 24 मई को एक बैठक में, भारत को शामिल करने के लिए नाटो प्लस को मजबूत करने सहित ताइवान की डेटेरेन्स क्षमता को बढ़ाने के लिए एक नीतिगत प्रस्ताव को अपनाया है।
गौरतलब है कि उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो (NATO) 31 सदस्यीय सुरक्षा गठबंधन है। इसमें 29 यूरोपीय देशों और दो अमेरिकी देश शामिल हैं।
वहीं नाटो प्लस, जो वर्तमान में नाटो प्लस 5 ( Nato Plus 5) है, एक सुरक्षा व्यवस्था है जो वैश्विक रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए नाटो और पांच गठबंधन देशों – ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, इजराइल और दक्षिण कोरिया को एक मंच पर लाती है।
अमेरिकी कांग्रेस कमेटी के अनुसार ताइवान पर हमले की स्थिति में बीजिंग के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध अधिक प्रभावी तभी होगा जब G7, नाटो, नाटो+5 और क्वाड सहयोग करे और संयुक्त कार्यवाही पर संवाद स्थापित करे।
प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (MNNA)
बता दें कि प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (Major non-NATO ally: MNNA) संयुक्त राज्य अमेरिकी सरकार द्वारा अपने करीबी सहयोगियों को दिया गया डिजाइनेशन है, जिनके अमेरिकी सशस्त्र बलों के साथ रणनीतिक कार्य संबंध होते हैं।
हालांकि ये देश उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के सदस्य नहीं हैं। वैसे MNNA के दर्जा का यह मतलब संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ पारस्परिक रक्षा समझौता में शामिल होना नहीं है, लेकिन यह दर्जा विभिन्न प्रकार के सैन्य और वित्तीय लाभ जरूर प्रदान करता है जो अन्यथा गैर-नाटो देशों द्वारा प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं।
वर्तमान में चार महाद्वीपों में 19 प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (एशिया में 11, अफ्रीका में 3, दक्षिण अमेरिका में 3 और ओशिनिया में 2) देश हैं।