C-DAC ने रेलवे के लिए STATCOM प्रौद्योगिकी हस्तांतरित की
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन तिरुवनंतपुरम स्थित सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस कंप्यूटिंग (C-DAC) ने उद्योग भागीदारों को विद्युत गुणवत्ता समाधान और रेलवे VCU समाधानों की स्वदेशी प्रौद्योगिकी हस्तांतरित की।
स्टेटकॉम प्रौद्योगिकी (STATCOM technology) ऊर्जा के विभिन्न नवीकरणीय स्रोतों के एकीकरण में लोगों को पावर फैक्टर को कम किए बिना ग्रिड में सहायता करेगी और ग्रिड की असंतुलित स्थितियों में इसकी सहायता कर सकती है। इसके अलावा भारतीय रेलवे को दी गई वीसीयू व इसकी ऑफशूट प्रौद्योगिकियां अंत में सवारी, माल, शताब्दी और तेजस ट्रेनों की तकनीकों का अधिक स्वदेशीकरण करने में सहायता करेंगी।
स्टेटकॉम यानी स्टेटिक सिंक्रोनस कम्पेंसेटर (Static Synchronous Compensator: STATCOM) पीक्यू मानक- आईईईई519 और आईईईई1459 पर आधारित है।
पवन और सौर ऊर्जा जैसे अनिरंतर व परिवर्तनशील नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की बढ़ती मांग के कारण हाल के वर्षों में स्टेटकॉम प्रौद्योगिकी तेजी से प्रासंगिक हो गई है।
पावर ग्रिड में इन स्रोतों के एकीकरण से वोल्टेज में उतार-चढ़ाव और अस्थिरता हो सकती है, जिसे स्टेटकॉम्स का उपयोग करके कम किया जा सकता है। तिरुवनंतपुरम स्थित सी-डैक द्वारा विकसित स्टेटकॉम की यह तकनीक ट्रिनिटी एनर्जी सॉल्यूशन को हस्तांतरित की गई थी।