नमक का सेवन कम करने और जीवन की रक्षा के लिए व्यापक प्रयासों की आवश्यकता है: WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वर्ष 2025 तक सोडियम की खपत में 30% की कमी के वैश्विक लक्ष्य प्राप्त करने की कम संभावना है। WHO ने इसके लिए सरकार द्वारा आवश्यक कदम नहीं उठाने को जिम्मेदार ठहराया है।

WHO के प्रमुख निष्कर्ष

  • दुनिया की केवल 3% आबादी सोडियम को कम करने के लिए अनिवार्य नीतियों द्वारा सुरक्षित है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के तीन-चौथाई सदस्य देश ऐसे दिशानिर्देशों को पूरी तरह से लागू करने में विफल रहे हैं।
  • बता दें कि सोडियम, टेबल नमक (table salt) में पाया जाने वाला एक आवश्यक पोषक तत्व है, लेकिन इसके बहुत अधिक सेवन से हृदय रोग, स्ट्रोक और अकाल मौत का खतरा बढ़ जाता है।
  • सोडियम एक आवश्यक पोषक तत्व है जो प्लाज्मा मात्रा, अम्ल-क्षार संतुलन, तंत्रिका आवेगों के संचरण (transmission of nerve impulses) और सामान्य कोशिका फंक्शन के रखरखाव के लिए आवश्यक है।
  • WHO ने अपने 194 सदस्य-देशों को बिना किसी देरी के सोडियम सेवन को कम करने के लिए नीतियां बनाने के लिए कहा है। WHO का मानना है कि लागत प्रभावी नीतियां वर्ष 2030 तक विश्व स्तर पर 7 मिलियन लोगों की जान बचा सकती हैं।
  • वर्तमान में केवल नौ देशों (ब्राजील, चिली, चेक गणराज्य, लिथुआनिया, मलेशिया, मैक्सिको, सऊदी अरब, स्पेन और उरुग्वे) ने सोडियम उपभोग नियंत्रण पर अनुशंसित नीतियां बनाई हैं।
  • वर्तमान में नमक की प्रति व्यक्ति खपत का वैश्विक औसत प्रति दिन 10.8 ग्राम है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित 5 ग्राम खपत के दोगुने से भी अधिक है।
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