द ग्रुप ऑफ 4 (G-4) और L.69 समूह ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की मांग की

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संयुक्त राष्ट्र में सुधार विदेश मंत्री एस जयशंकर की संयुक्त राष्ट्र संघ की यात्रा का एक केंद्रीय विषय रहा है, और 22 सितंबर को उन्होंने ब्रिक्स बैठक के बाद जर्मनी, ब्राजील और जापान के अपने समकक्षों के साथ ‘द ग्रुप ऑफ फोर’ (Group of Four: G4) बैनर के तहत मुलाकात की।

G-4 समूह

G-4 समूह में शामिल हैं भारत, जर्मनी, ब्राजील और जापान G-4 समूह मुख्य रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council : UNSC) में सुधार और G-4 सदस्यों को स्थायी सदस्यता प्रदान करने पर केंद्रित है।

22 सितंबर 2022 को, उन्होंने सुधार को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और इस क्षेत्र में कोई प्रगति नहीं होने पर असंतोष व्यक्त किया।

UNSC के स्थायी सदस्य बनने के लिए एक-दूसरे के दावों का समर्थन को दोहराने के अलावा, G-4 ने स्थायी और गैर-स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी देशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपना समर्थन भी दोहराया।

G-4 समूह के एक संयुक्त प्रेस बयान में कहा गया है कि G4 ने महसूस किया कि संयुक्त राष्ट्र के निर्णय लेने वाले निकायों में तत्काल सुधार की आवश्यकता है क्योंकि वैश्विक मुद्दे तेजी से जटिल और परस्पर जुड़े हुए हैं।

L.69 समूह

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G-4 समूह के बाद न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 77वें सत्र के दौरान भारत ने संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार के लिए जोर देना जारी रखा।

23 सितंबर को, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार-उन्मुख विकासशील देशों के ‘L.69’ समूह के सदस्यों के साथ ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बहुपक्षवाद को फिर से मजबूत करना और व्यापक सुधार हासिल करना’ (Reinvigorating Multilateralism and Achieving Comprehensive Reform of the UN Security Council) नामक एक बैठक में भाग लिया।

इस बैठक के पश्चात ‘कॉल टू एक्शन’ (Call to Action) नाम से संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया।

L.69 समूह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी और अस्थायी सदस्यता के विस्तार, संस्था के काम करने के तरीकों में सुधार और अफ्रीकी देशों और लघु द्वीपीय विकासशील राज्यों (Small Island Developing States: SIDS) सहित विकासशील देश की आकांक्षाओं के बेहतर प्रतिनिधित्व की मांग कर रहा है।

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