केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन को अधिसूचित किया

भारत सरकार ने 4 अक्टूबर 2023 को राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड (National Turmeric Board) के गठन को अधिसूचित किया।

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के बारे में

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड देश में हल्दी और हल्दी उत्पादों के विकास और वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करेगा।

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड हल्दी के उपभोग को बढ़ावा देने के प्रयासों को नेतृत्व प्रदान करेगा, प्रयासों को बढ़ाएगा और हल्दी क्षेत्र के विकास और वृद्धि में मसाला बोर्ड और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ अधिक समन्वय  प्रदान करेगा।

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड में केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष होगा।  इसके अलावा केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय, फार्मास्यूटिकल्स विभाग, कृषि और किसान कल्याण विभाग, वाणिज्य और उद्योग विभाग के प्रतिनिधि, तीन राज्यों से राज्य सरकार के  वरिष्ठ  प्रतिनिधि (रोटेशन के आधार पर), आदि सदस्य के रूप में शामिल होंगे।

हल्दी के बारे में

हल्दी (Turmeric) एक बारहमासी पौधा है। हल्दी Curcuma longa का एक उत्पाद है, जो अदरक परिवार जिंगिबेरासीसे से संबंधित एक प्रकंद है।

यह उष्णकटिबंधीय दक्षिण एशिया मूल का पौधा है।

भारत दुनिया में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है।

वर्ष 2022-23 में, 11.61 लाख टन (वैश्विक हल्दी उत्पादन का 75% से अधिक) के उत्पादन के साथ भारत में 3.24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की खेती की गई थी।

भारत में हल्दी की 30 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं और यह देश के 20 से अधिक राज्यों में उगाई जाती है।

हल्दी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य हैं;  महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु।

हल्दी के विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 62% से अधिक है।  

भारतीय हल्दी के प्रमुख निर्यात बाजार हैं; बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और मलेशिया हैं।

GI टैग वाली हल्दी: इरोड मंजल/हल्दी (तमिलनाडु); कंधमाल हल्दी (ओडिशा) आदि। 

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