विश्व प्रवासन रिपोर्ट 2024

अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM)) द्वारा 7 मई को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में विश्व प्रवासन रिपोर्ट 2024 ( World Migration Report 2024) जारी की गई। ढाका को रिपोर्ट के लॉन्च स्थल के रूप में चुनकर, IOM न केवल खतरा झेल रहे प्रवासियों का समर्थन करने और नियमित प्रवासन के लिए मार्ग को बढ़ावा देने में देश के प्रयासों को उजागर किया है, बल्कि वैश्विक प्रवासन चर्चा और नीति को आकार देने में बांग्लादेश की महत्वपूर्ण भूमिका को भी पहचाना है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि संघर्ष और जलवायु परिवर्तन वैश्विक विस्थापन को बढ़ाने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारक बने हुए हैं। रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन मानव विकास और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में भूमिका निभा रहे हैं।

2000 से 2022 तक अंतर्राष्ट्रीय रेमिटेंस (प्रवासियों द्वारा अपने मूल देश में पैसा भेजना) में 650 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जो 128 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 831 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई है। उस 831 बिलियन रेमिटेंस में से, 647 बिलियन प्रवासियों द्वारा निम्न और मध्यम आय वाले देशों में भेजे गए थे।

भारत 2022 में $100 बिलियन से अधिक रेमिटेंस प्राप्त करने वाला पहला देश बन गया है। पिछले वर्ष भारत का रेमिटेंस बढ़कर $111 बिलियन हो गया, जो अन्य सभी देशों से आगे निकल गया।

रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत, मैक्सिको, चीन, फिलीपींस और फ्रांस 2022 में रेमिटेंस के शीर्ष पांच प्राप्तकर्ता देश थे।

भारत वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का मूल का देश भी है। अर्थात, विश्व में अंतर्राष्ट्रीय प्रवसियों की सर्वाधिक संख्या भारतीयों की है। प्रवासी भारतीयों के अधिक संख्या संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब में है।

प्रवासियों का एक बड़ा स्रोत होने के बावजूद, भारत ने आप्रवासियों को अपने देश में भी आकर्षित किया। वास्तव में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों के लिए गंतव्य देश के रूप में विश्व स्तर पर भारत 13वें स्थान पर है।

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