एडवांस्ड कम्पोजिट सोलर सेल सिस्टम (ACS3)

नासा के एडवांस्ड कम्पोजिट सोलर सेल सिस्टम (ACS3) अंतरिक्ष यान को 24 अप्रैल को न्यूजीलैंड के माहिया में रॉकेट लैब के इलेक्ट्रॉन रॉकेट से लॉन्च किया गया।

अगली पीढ़ी की सौर सेल प्रौद्योगिकी (solar sail technology) का टेस्ट करने के लिए माइक्रोवेव ओवन के आकार के उपग्रह को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया है।

ACS3 से प्राप्त डेटा भविष्य में बड़े पैमाने के समग्र सौर सेल सिस्टम के डिजाइन का मार्गदर्शन करेगा जिसका उपयोग अंतरिक्ष मौसम की प्रारंभिक चेतावनी हेतु उपग्रहों के प्रक्षेपण, निकट-पृथ्वी क्षुद्रग्रह टोही मिशन, या मानव युक्त अन्वेषण मिशनों के लिए संचार रिले के लिए किया जा सकता है।

यह अंतरिक्ष में सौर सेल के लिए मिश्रित बूम के साथ-साथ सेल पैकिंग और तैनाती प्रणाली का पहला उपयोग है।

एडवांस्ड कम्पोजिट सोलर सेल सिस्टम प्रदर्शन में लचीले पॉलिमर और कार्बन फाइबर सामग्री से बने एक नए मिश्रित बूम का परीक्षण करने के लिए नैनोएवियोनिक्स द्वारा निर्मित बारह-यूनिट (12U) क्यूबसैट का उपयोग किया जाता है जो पिछले बूम डिजाइनों की तुलना में सख्त और हल्का है।

एडवांस्ड कम्पोजिट सोलर सेल प्रौद्योगिकी भविष्य की अंतरिक्ष यात्रा को आगे बढ़ा सकती है और हमारे सूर्य और सौर मंडल के बारे में हमारी समझ का विस्तार कर सकती है।

जिस प्रकार एक पाल (sailboat) में हवा द्वारा संचालित नाव चलती है, उसी प्रकार सोलर सेल, प्रोपल्सन के लिए सूर्य के प्रकाश के दबाव का उपयोग करते हैं, जिससे पारंपरिक रॉकेट प्रणोदक की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।  

यह हैवी प्रोपल्शन सिस्टम की आवश्यकता को समाप्त करता है और लंबी अवधि और कम लागत वाले मिशनों को सक्षम कर सकता है।

चूँकि सोलर सेलिंग कुशल है और इसके लिए ईंधन की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए  अपेक्षाकृत नयी प्रोपल्शन के रूप में इससे बहुत उम्मीदें की जा रही हैं।

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