ग्लोबल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन और डीप वाटर सर्कुलेशन पर नया अध्ययन
नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित एक नया अध्ययन, इस सिद्धांत के समर्थन में साक्ष्य प्रदान करता है कि उत्तर और दक्षिण अमेरिका के बीच के अंतराल जैसे कि मध्य अमेरिकी समुद्री मार्ग (Central American Seaway: CAS) के बंद होने से ग्लोबल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (Global overturning circulation: GOC) के आधुनिक रूप का विकास हुआ।
- इस स्टडी को गोवा स्थित नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च और गोवा विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ अर्थ, ओशन एंड एटमॉस्फेरिक साइंसेज के शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा प्रकाशित किया गया है।
ग्लोबल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (GOC) क्या है?
- ग्लोबल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (GOC) ठंडे, गहरे जल का विषुवती रेखा की ओर आना और नियर सरफेस गर्म जल का ध्रुवों की ओर प्रवाह है। GOC समुद्र के ताप वितरण और वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को नियंत्रित करता है, इस प्रकार वैश्विक जलवायु में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- पहले के अध्ययनों ने संकेत दिया है कि ओशन गेटवे में विवर्तनिक रूप से संचालित परिवर्तनों, जैसे कि मध्य अमेरिकी समुद्री मार्ग (CAS) के बंद होने का GOC पर नाटकीय प्रभाव पड़ा है।
- CAS वाटर बॉडीज है जो उत्तर-मियोसीन काल के बाद से उत्तरी अमेरिका को दक्षिण अमेरिका से अलग करता था।
- ऐसा माना जाता है कि विवर्तनिक परिवर्तनों के कारण दो अलग-अलग जल निकायों का निर्माण हो सकता है – उत्तरी अटलांटिक में उत्तरी घटक जल और दक्षिणी महासागर में अंटार्कटिक तल जल (Antarctic Bottom Water: ABW)।
डीप वाटर सर्कुलेशन (DWC)
- यह भी परिकल्पना की गई है कि दुनिया भर के महासागरों में डीप वाटर सर्कुलेशन (DWC) में बड़े पैमाने पर परिवर्तन हुए होंगे, इस प्रकार महासागर-वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड और ऊष्मा विनिमय के माध्यम से वैश्विक जलवायु पर प्रभाव पड़ा होगा।
- गहरे जल (deep-water) का निर्माण वहां होता है जहां हवा का तापमान ठंडा होता है और जहां सतह जल की लवणता अपेक्षाकृत अधिक होती है। लवणता और ठंडे तापमान के संयोजन से जल सघन हो जाता है और यह नीचे की ओर डूब जाता है। गल्फ स्ट्रीम लवण को उच्च अक्षांश उत्तरी अटलांटिक में ले जाती है जहाँ जल ठंडा होता है। ठंडा करने और मिलाए गए लवण के कारण नॉर्वेजियन सागर में जल भारी होकर नीचे चला जाता है।
- हिंद महासागर की अपनी कोई बड़ी डीप वाटर सर्कुलेशन नहीं है। यह केवल उत्तरी घटक जल और ABW के लिए एक होस्ट के रूप में कार्य करता है।
- हिंद महासागर का उत्तरी भाग ग्लोबल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन के एक टर्मिनल छोर पर स्थित है, जो डीप वाटर फार्मेशन क्षेत्रों और ओशनिक समुद्री मार्गों (oceanic seaways) से बहुत दूर है। ये विशिष्ट विशेषताएं उत्तरी हिंद महासागर को ऐसा करने के लिए एक आदर्श बेसिन बना सकती हैं।