रूफटॉप सौर कार्यक्रम को 2026 तक विस्तार दिया गया
रूफटॉप सौर कार्यक्रम (Rooftop Solar Programme) को 31 मार्च 2026 तक विस्तार दिया गया है और इसलिए, इस कार्यक्रम के तहत सब्सिडी तब तक उपलब्ध रहेगी जब तक कार्यक्रम का लक्ष्य हासिल नहीं हो जाता।
रूफटॉप सौर कार्यक्रम: प्रमुख तथ्य
राष्ट्रीय पोर्टल पर देश के किसी भी हिस्से में रूफटॉप सोलर स्थापित करने का इच्छुक कोई भी उपभोक्ता आवेदन कर सकता है और पंजीकरण से लेकर सीधे अपने बैंक खाते में सब्सिडी जारी करने तक की पूरी प्रक्रिया को देख सकता है।
राष्ट्रीय पोर्टल के तहत पूरे देश के लिए सब्सिडी 14,588 रुपये प्रति किलोवाट (3 किलोवाट तक की क्षमता के लिए) निर्धारित की गई है और आवासीय उपभोक्ताओं को अपने इलाके की संबंधित वितरण कंपनी द्वारा पंजीकृत विक्रेताओं में से किसी एक से रूफटॉप सौर संयंत्र स्थापित करना होगा।
पंजीकृत विक्रेताओं की सूची राष्ट्रीय पोर्टल पर भी उपलब्ध है।
उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए विक्रेता और उपभोक्ताओं के बीच हस्ताक्षर किए जाने वाले समझौते का प्रारूप राष्ट्रीय पोर्टल पर उपलब्ध है। समझौते की शर्तों को लेकर परस्पर सहमति हो सकती है।
विक्रेता को कम से कम 5 वर्षों के लिए उपभोक्ता को रखरखाव सेवाएं प्रदान करनी होंगी और किसी भी डिफ़ॉल्ट के मामले में संबंधित वितरण कंपनी विक्रेता की बैंक गारंटी को भुना सकती है।
राष्ट्रीय पोर्टल पर आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं है और संबंधित वितरण कंपनियों द्वारा नेट-मीटरिंग के लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, किसी भी विक्रेता या वितरण कंपनी को सब्सिडी प्राप्त करने के लिए कोई भी शुल्क देय नहीं है और मंत्रालय द्वारा सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, रूफटॉप सौर कार्यक्रम का चरण- II लागू कर रहा है, जिसमें रूफटॉप सोलर स्थापित करने के लिए आवासीय उपभोक्ताओं को सीएफए/सब्सिडी प्रदान की जा रही है।