भारत और जर्मनी ने ‘माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप एग्रीमेंट’ पर हस्ताक्षर किये

विदेश मंत्री एस जयशंकर और जर्मनी की विदेश मंत्री अनलेना बेयरबॉक ने भारत और जर्मनी के बीच गतिशीलता और रोजगार के अवसरों को सुविधाजनक बनाने के लिए ‘व्यापक प्रवासन और गतिशीलता भागीदारी’ (Comprehensive Migration and Mobility Partnership) पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

वर्ष 2023 की शुरुआत में अपनाए जाने वाले एक नए कानून के माध्यम से, जर्मनी की सरकार विदेशों से योग्य श्रमिकों के प्रवासन को बढ़ावा देने का बनाने का प्रस्ताव किया है।

माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप एग्रीमेंट में कौशल और प्रतिभा के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए आवागमन और रोजगार के अवसरों को सुविधाजनक बनाने के लिए विशिष्ट प्रावधान हैं।

इनमें नई दिल्ली में अकादमिक मूल्यांकन केंद्र के छात्रों के लिए 18 महीने का विस्तारित निवास परमिट, नौकरी चाहने वालों के लिए सालाना 3,000 वीजा, उदारीकृत लघु प्रवास बहु-प्रवेश वीजा और पुनर्प्रवेश प्रक्रिया शामिल हैं।

भारत-जर्मनी संबंध

7 मार्च, 2021 को भारत और जर्मनी ने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मनाई।

भारत और जर्मनी के बीच मई 2000 से एक ‘रणनीतिक साझेदारी’ रही है, जिसे 2011 में शासनाध्यक्ष के स्तर परअंतर-सरकारी परामर्श (IGC) में बदल दिया गया।

जर्मनी और भारत G-4 के ढांचे के भीतर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के विस्तार पर एक दूसरे का समर्थन करते हैं। जर्मनी फरवरी 2020 में कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर (CDRI) में शामिल हुआ और मार्च 2020 में पहली गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भाग लिया।

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