WHO ने मंकीपॉक्स को “mpox” नया नाम दिया
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) मंकीपॉक्स (monkeypox) के पर्याय के रूप में एक नया नाम “mpox” का उपयोग करने की सिफारिश की है ताकि इसके पूर्व नाम से जुड़े नस्लवादी या सामुदायिक लांछनाओं से बचा जा सके।
WHO ने कहा है कि एक वर्ष के लिए दोनों नामों का एक साथ उपयोग किया जाएगा और “मंकीपॉक्स” नाम का उपयोग चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया जाएगा।
नाम से जुड़ा क्या है है विवाद?
जब 2022 में मंकीपॉक्स का प्रकोप बढ़ा, तो इस नाम से जुड़ी नस्लवादी और कलंकित करने वाली भाषा ऑनलाइन व अन्य माध्यमों में और कुछ समुदायों में देखी गई और इस मामले में WHO को रिपोर्ट की गई।
कई व्यक्तियों और देशों ने मंकीपॉक्स नाम से जुड़ी नस्लवादी सोच पर चिंता जताई और WHO से नाम बदलने के लिए आग्रह की गयी। इस नाम को प्राइमेट्स और अफ्रीका से जोड़कर देखा गया जबकि इस रोग को फ़ैलाने में नगण्य भूमिका रही है।
मंकीपॉक्स का कैसे पड़ा नाम?
बता दें कि ह्यूमन मंकीपॉक्स को इसका नाम 1970 में दिया गया था (1958 में कैप्टिव बंदरों में बीमारी का कारण बनने वाले वायरस के बाद) है।
मंकीपॉक्स को इसका नाम इसलिए मिला क्योंकि वायरस की पहचान मूल रूप से 1958 में डेनमार्क में शोध के लिए रखे गए बंदरों में हुई थी, लेकिन यह बीमारी कई जानवरों में पाई जाती है, और अक्सर कृन्तकों (रोडेन्ट्स) में पाई जाती है।
वर्ष 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में पहली बार मनुष्यों में इस बीमारी की खोज की गई थी, तब से यह मनुष्यों में फैल गई है और तब से यह मुख्य रूप से कुछ पश्चिम और मध्य अफ्रीकी देशों तक सीमित रही जहां यह स्थानिक (एंडेमिक) है। हालांकि वर्ष 2022 में कई यूरोपीय देशों, अमेरिका और भारत में भी इसके मामले दर्ज किये गए।
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बीमारी और वायरस के नामकरण की नयी सर्वोत्तम प्रथा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2015 में बीमारियों के नामकरण के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रकाशन किया था।
इन सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुसार, नए रोग के नाम यात्रा, पर्यटन या पशु कल्याण पर नामों के अनावश्यक नकारात्मक प्रभाव डालने वाले नहीं होने चाहिए या नाम ऐसा नहीं होना चाहिए जो किसी भी सांस्कृतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय, पेशेवर या एथिनिक समूहों को ठेस पहुंचाएं।
नयी और मौजूदा बीमारियों को नए नाम देने की जिम्मेदारी रोगों के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण और अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संबंधी वर्गीकरणों के WHO परिवार (WHO-FIC) के तहत WHO को दी गयी है।
वायरस के नामकरण की जिम्मेदारी इंटरनेशनल कमेटी ऑन द टैक्सोनॉमी ऑफ वायरस (ICTV) की है।