भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ग्लोबल पार्टनरशिप (GPAI) की अध्यक्षता करेगा
भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ग्लोबल पार्टनरशिप (Global Partnership on Artificial Intelligence: GPAI) की अध्यक्षता करेगा।
- इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर फ्रांस से प्रतीकात्मक रूप से अध्यक्षता प्राप्त करने के लिए 21 नवंबर, 2022 को टोक्यो में होने वाली GPAI की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
- भारत को अध्यक्षता मिलना इस बात को दर्शाता है कि आज दुनिया भारत को एक विश्वसनीय प्रौद्योगिकी भागीदार के रूप में देखती है। भारत ने हमेशा नागरिकों के जीवन को बदलने के लिए प्रौद्योगिकी के नैतिक उपयोग की वकालत की है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ग्लोबल पार्टनरशिप (GPAI)
- GPAI जिम्मेदार और मानव-केंद्रित विकास और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग का समर्थन करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय पहल है।
- GPAI अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य और सिंगापुर सहित 25 सदस्य देशों का एक समूह है।
- भारत 2020 में एक संस्थापक सदस्य के रूप में समूह में शामिल हुआ था।
- GPAI भाग लेने वाले देशों के अनुभव और विविधता का उपयोग करके AI की चुनौतियों और अवसरों की बेहतर समझ विकसित करने के लिए अपनी तरह की प्रथम पहल है।
- यह आपसी सहयोग नए अनुसंधान और लागू गतिविधियों का समर्थन करके AI से संबंधित प्राथमिकताओं में सिद्धांत और व्यवहार के बीच की खाई को पाटने की कोशिश करेगा।
AI टेक लैंडस्केप
- A I टेक लैंडस्केप को बड़ा और मजबूत बना रहा है और मानवीय संभावनाओं के दायरे को आगे बढ़ा रहा है। AI से 2035 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में 967 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2025 तक भारत की जीडीपी में 450-500 बिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़ने की उम्मीद है, जो देश के 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जीडीपी लक्ष्य का 10 प्रतिशत है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भारत के प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम के विकास के लिए एक काइनेटिक इनेबलर है और 2025 तक 1 ट्रिलियन डॉलर डिजिटल इकोनॉमी लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एक अहम कारक है।