INS अरिहंत से दागी गई सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल

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परमाणु क्षमता से लैस पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत (INS Arihant) ने 14 अक्टूबर, 2022 को एक सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) का सफल प्रक्षेपण किया

मुख्य तथ्य

मिसाइल का पूर्व निर्धारित सीमा तक परीक्षण किया गया और बंगाल की खाड़ी में लक्ष्य क्षेत्र को बहुत उच्च सटीकता के साथ निशाना साधा।

INS अरिहंत द्वारा SLBM का सफल यूजर्स प्रशिक्षण लॉन्च क्रू योग्यता साबित करने और SLBM कार्यक्रम को मान्य करने के लिए महत्वपूर्ण है, जो भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता का एक प्रमुख तत्व है।

INS अरिहंत की मजबूत, उत्तरजीविता और सुनिश्चित प्रतिशोधी क्षमता भारत की ‘विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध क्षमता’ (Credible Minimum Deterrence) की नीति के अनुरूप है जो इसकी ‘पहले उपयोग न करने’ (No First Use’ commitment) की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

INS अरिहंत (INS Arihant) के बारे में

INS अरिहंत (INS Arihant) भारत की पहली स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी है और अरिहंत-श्रेणी के परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों का प्रमुख है।

इसे 2009 में लॉन्च किया गया था।

यह रूसी अकुला-1 श्रेणी की पनडुब्बी पर आधारित है।

अरिहंत भारतीय नौसेना के लिए विकसित परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों का एक क्लास है।

समुद्री परीक्षणों की एक श्रृंखला के बाद इसे 2016 में कमिशन किया गया था।

अरिहंत किसी ऐसे देश द्वारा निर्मित पहली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में शामिल नहीं है।

यह परमाणु ऊर्जा से चलती है।

यह लंबे समय तक गहरे पानी में रह सकती है। INS अरिहंत में 750 किमी और 3500 किमी क्षमता वाली मिसाइलें हैं। हालांकि अमेरिका, रूस और चीन की परमाणु पनडुब्बियां पास 5000 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक मार करने वाली मिसाइलें हैं।

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