रक्षा मंत्रालय ने ब्रह्मोस मिसाइल के लिए BAPL के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए
रक्षा मंत्रालय ने रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और आगे प्रोत्साहित करते हुए “भारतीय-खरीदें” (Buy-Indian) श्रेणी के तहत सतह से सतह पर मार करने में सक्षम अतिरिक्त दोहरी भूमिका वाली ब्रह्मोस (BrahMos) मिसाइलों के अधिग्रहण के लिए 22 सितम्बर को ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (BAPL) के साथ एक अनुबंधपत्र पर हस्ताक्षर किए।
इसकी कुल अनुमानित लागत 1 हजार 700 करोड़ रुपये है। इन दोहरी भूमिका वाली आधुनिक मिसाइलों के भारतीय नौसेना (IN) में शामिल होने से बेड़े की मारक क्षमता और परिचालन गतिविधियों में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
यह उल्लेखनीय है कि BAPL भारत तथा रूस की साझेदारी में रक्षा मंत्रालय का एक संयुक्त उद्यम (जेवी) है, जो नई पीढ़ी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों (एसएसएम) के निर्माण और इन्हें अत्याधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
इन मिसाइलों में सतह के साथ-साथ पोत-रोधी हमलों के लिए उन्नत रेंज और दोहरी भूमिका क्षमता है। यह अनुबंध स्वदेशी उद्योग की सक्रिय भागीदारी के साथ ही महत्वपूर्ण हथियार प्रणाली एवं गोला-बारूद के स्वदेशी उत्पादन को और आगे बढ़ावा देने वाला है।