द्रौपदी मुर्मू ने देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में ली शपथ

श्रीमती द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने 25 जुलाई, 2022 को भारत के 15 वें राष्ट्रपति (15th President of India) के रूप में पद की शपथ ली। वह देश की सर्वोच्च संवैधानिक पद पर काबिज होने वाली पहली आदिवासी और दूसरी महिला हैं। उन्होंने हिन्दी में ईश्वर के नाम पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली ।

संसद के सेंट्रल हॉल में भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने उन्हें शपथ दिलाई। 64 वर्षीया द्रौपदी मुर्मू देश के सबसे युवा राष्ट्रपति हैं।

वह भारत की पहली राष्ट्रपति भी हैं जिनका जन्म स्वतंत्रता के बाद हुआ है।

द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में एक संथाल परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंचि नारायण टुडु है।

सुश्री मुर्मू 1997 में राजनीति में शामिल हुईं और ओडिशा के रायरंगपुर अधिसूचित क्षेत्र परिषद में पार्षद चुनी गईं। उन्होंने 2000 से 2009 तक दो बार रायरंगपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक और एक बार ओडिशा सरकार में वाणिज्य, परिवहन, मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री के रूप में कार्य किया।

18 मई, 2015 को सुश्री मुर्मू ने झारखंड के राज्यपाल के रूप में शपथ ली और 12 जुलाई, 2021 तक इस पद पर रहीं।

वह झारखण्ड की पहली महिला राज्यपाल और किसी भी भारतीय राज्य में राज्यपाल के रूप में सेवा करने वाली पहली महिला आदिवासी नेता थीं।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, यह भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है कि दूर-दराज रहने वाली एक गरीब महिला राष्ट्रपति बनी है। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति पद पर पहुंचना उनकी निजी उपलब्धि नहीं है, यह भारत के हर गरीब की उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि उनका निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकते हैं बल्कि उन सपनों को पूरा भी कर सकते हैं।

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