जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में राजस्थान के जैसलमेर में वस्तु एवं सेवा कर परिषद (GST Council) की 55वीं बैठक संपन्न हुई। बैठक में गोवा, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, मेघालय और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के उपमुख्यमंत्रियों और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों ने भाग लिया।
प्रमुख निर्णय
बैठक में जीएसटी और कर स्लैब से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
जीएसटी परिषद ने फोर्टिफाइड राइस करनले पर जीएसटी दर को घटाकर 5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है और प्री-पैक और लेबल वाली वस्तुओं की परिभाषा में संशोधन की सिफारिश की है।
जीएसटी परिषद ने कई वस्तुओं पर कर दरों को कम करने या छूट देने का फैसला किया है।
जीन थेरेपी को जीएसटी से छूट दी गई है। साथ ही बैंकों और एनबीएफसी के पेनल्टी चार्ज, विलंब भुगतान शुल्क पर भी जीएसटी नहीं लगेगा।
काली मिर्च चाहे ताजी हरी हो या सूखी काली मिर्च और किशमिश जब किसी किसान की ओर से आपूर्ति की जाती है, तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा।
चीनी के साथ मिले पॉपकॉर्न (उदाहरण के लिए कारमेल पॉपकॉर्न) पर 18% जीएसटी लगाई गई है।
जीएसटी परिषद (GST Council)
जीएसटी परिषद, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 279A(4) के अनुसार, जीएसटी से संबंधित महत्वपूर्ण मामलों पर केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों दोनों को सिफारिशें करने का काम करती है।
अनुच्छेद 279A(4) को 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था।
संविधान के अनुसार वस्तु एवं सेवा कर परिषद में शामिल होंगे: केंद्रीय वित्त मंत्री (अध्यक्ष), राजस्व या वित्त के प्रभारी केंद्रीय राज्य मंत्री (सदस्य), राज्यों के वित्त या राजस्व मंत्री या प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा नामित कोई अन्य मंत्री (सदस्य)।
वस्तु एवं सेवा कर परिषद के कुल सदस्यों की संख्या का आधा हिस्सा इसकी बैठकों में कोरम का निर्माण करेगा।
वस्तु एवं सेवा कर परिषद का प्रत्येक निर्णय बैठक में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के भारित मतों के कम से कम तीन-चौथाई बहुमत से लिया जाएगा। उस बैठक में केन्द्र सरकार के मत का मूल्य कुल डाले गए मतों का एक-तिहाई होगा तथा सभी राज्य सरकारों के मतों का मूल्य कुल डाले गए मतों का दो-तिहाई होगा।