Captive Employment: ग्रामीण विकास मंत्रालय ने DDU-GKY के तहत कैप्टिव एम्प्लॉयमेंट पहल की शुरूआत की
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने 28 मार्च को नई दिल्ली में दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) के तहत एक अनूठी पहल में 19 कैप्टिव एम्प्लॉयर (Captive Employers) के साथ शामिल हुए।
चयनित कैप्टिव नियोक्ता ग्रामीण गरीब युवाओं को उनके संबंधित उद्योगों यानी हॉस्पिटेलिटी परिधान और वस्त्र, विनिर्माण, आईटी/आईटीईएस, दूरसंचार, खुदरा, बिजली आदि में प्रशिक्षण प्रदान करेंगे और प्रशिक्षित युवाओं को अपनी कंपनी या सहायक कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराएंगे।
पहले चरण में 31,000 से अधिक ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित करने और रोजगार प्रदान करने के लिए 19 नियोक्ताओं को लगाया जा रहा है।
कैप्टिव एम्प्लॉयर योजना नौकरी चाहने वाले और नौकरी देने वालों के बीच की खाई को पाट देगी।
‘कैप्टिव एम्प्लॉयमेंट’ (Captive Employment)
‘कैप्टिव एम्प्लॉयमेंट’ (Captive Employment) अपनी तरह की पहली पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए स्थायी प्लेसमेंट सुनिश्चित करने वाले उद्योग भागीदारों की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले एक गतिशील और मांग-आधारित स्किल ईकोसिस्टम तैयार करना है।
यह पहल DDU-GKY कार्यक्रम के लिए एक पहल है, जो न्यूनतम 10,000 रुपये के सीटीसी के साथ कम से कम छह महीने के लिए उम्मीदवारों के प्रशिक्षण के बाद प्लेसमेंट का आश्वासन देती है।
यह कार्यक्रम ग्रामीण गरीबों के लिए उनकी नौकरी की जरूरतों और उनके जीवन स्तर में सुधार करने के लिए एक बड़ा वरदान साबित होगा। यह कार्यक्रम सतत विकास लक्ष्यों में भी योगदान देगा।
DDU-GKY कार्यक्रम
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तत्वावधान में ग्रामीण विकास मंत्रालय का प्लेसमेंट से जुड़ा कौशल कार्यक्रम है।
यह कार्यक्रम ग्रामीण गरीब युवाओं की रोजगार की जरूरतों पूरा करता है। इसे 25 सितंबर 2014 को लॉन्च किया गया था और यह ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की तरफ इसे वित्त पोषित किया गया है।