Great seahorse: कोरोमंडल तट से ओडिशा की ओर पलायन

Seahorse

हाल के एक अध्ययन के अनुसार, कोरोमंडल तट पर बड़े पैमाने पर मत्स्यन गतिविधियों से ग्रेट समुद्री घोड़े (great seahorse) को ओडिशा की ओर पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

समुद्री घोड़े (great seahorse) के बारे में

  • उपर्युक्त अध्ययन एक किशोर ग्रेट समुद्री घोड़े, या हिप्पोकैम्पस केलॉगी (Hippocampus kelloggi) के नमूने पर आधारित था, जो एक रिंग नेट में पकड़ा गया था और ओडिशा के गंजम जिले के अरियापल्ली मछली लैंडिंग केंद्र से एकत्र किया गया था।
  • हिप्पोकैम्पस वर्ग में छोटी समुद्री मछलियों की 46 प्रजातियों में से एक है समुद्री घोड़ा है।
  • दुनिया भर में समुद्री घोड़ों की 46 प्रजातियां बताई गई हैं।
  • भारत के तटीय पारिस्थितिक तंत्र में इंडो-पैसिफिक में पाई जाने वाली 12 में से नौ प्रजातियां पाई जाती हैं।
  • सीहॉर्स आबादी विविध पारिस्थितिक तंत्रों जैसे समुद्री घास, मैंग्रोव, मैक्रोगल बेड और प्रवाल भित्तियों में प्राप्त होती हैं
  • ये नौ प्रजातियां लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के अलावा गुजरात से ओडिशा तक आठ राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों के तटों पर प्राप्त होती हैं।
  • ग्रेट सीहॉर्स की आबादी, जो ‘वल्नरेबल’ टैग की गई आठ प्रजातियों में से एक है, पारंपरिक चीनी दवाओं में इस्तेमाल और सजावटी मछली के रूप में इस्तेमाल की वजहों से अति-दोहन का शिकार हो रही हैं।
  • सीहॉर्स खराब तैराक होते हैं लेकिन राफ्टिंग द्वारा माइग्रेट करते हैं और इस तरहअपनी आबादी को बचाये रखने के लिए नए हैबिटेट की तलाश करती रहती हैं।
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