“वाटर विजन@2047” पर राज्य मंत्रियों का प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन
“वाटर विजन@2047” पर राज्य मंत्रियों का प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन मध्य प्रदेश के भोपाल में 6-7 जनवरी 2023 को आयोजित हुआ।
मुख्य तथ्य
- जल राज्य का विषय है, इसलिए कहा गया कि यह राज्यों की जिम्मेदारी है कि वे जल संबंधी चुनौती को नियंत्रित करने की दिशा में काम करें।
- जमीन के ऊपर जल भंडारण सुविधा बढ़ाना; जलाशयों में तलछट को कम करना; प्रति बूंद अधिक फसल प्राप्त करना; पेयजल को प्राथमिकता देकर जल उपयोग आवंटन में परिवर्तन करना; इंटर- बेसिन ट्रांसफर जिसके लिए सभी राज्यों को जल सहयोग बढ़ाना होगा और अधिशेष से जल की कमी वाले क्षेत्रों में जल ले जाना ; जल शक्ति अभियान को जन आंदोलन बनाना और बाढ़ क्षेत्र योजना का निर्माण करना जैसे उपायों पर बल दिया गया।
- वाटर गवर्नेंस के 4 E यानी इकोलॉजी, इक्विटी, एफिशिएंसी और इकोनॉमिक्स पर ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया गया।
- जल प्रबंधन में कई और कई हितधारक हैं जिन्हें समन्वय करने की आवश्यकता है। इसलये इस जल मीटर, जल का मूल्य, जल का ऑडिट, जल के फुटप्रिंट और ब्लू लेबलिंग से जल का आर्थिक मूल्य सुनिश्चित करने की आवश्यकता जताई गयी।
राज्यों में जल प्रबंधन उपायों के उदहारण प्रस्तुत किये गए। ये उपाय निम्नलिखित हैं:
- जल पंचायतों के नाम से ओडिशा में जल उपयोगकर्ता संघ मजबूत हुआ है।
- पश्चिम बंगाल में किसान सुंदरबन डेल्टा में सिंचाई इंफ्रास्ट्रक्चर के संरक्षक बन गए हैं और एक संस्थागत ढांचे में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं।
- महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि जल नियामक प्राधिकरण बनाने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य था, जबकि अगले 5 वर्षों में स्थानीय स्वशासन द्वारा 100 प्रतिशत अपशिष्ट जल का उपचार करने को बढ़ावा दिया जा रहा है|