रेलवे सुरक्षा बल (RPF) द्वारा संचालित ऑपरेशन

रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने तस्करी मुक्त राष्ट्र के लिए एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (AVA, जिसे बचपन बचाओ आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते

रेलवे सुरक्षा बल को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह रेल मंत्रालय द्वारा जारी बच्चों के बचाव के लिए मानकीकृत संचालन प्रक्रिया द्वारा अनिवार्य जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा है और इसने “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के तहत अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम करते हुए 2018 से 50,000 से अधिक बच्चों का बचाव किया है।

ऑपरेशन आहट

इसने हाल ही में रेल के माध्यम से मानव तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए “ऑपरेशन आहट” शुरू किया है और मानव तस्करी के शिकार लोगों को तस्करों के चंगुल से छुड़ा रहा है।

मिशन जीवन रक्षा

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) “मिशन जीवन रक्षा” के अंतर्गत एक मिशन की तरह लोगों के जीवन की रक्षा करता आया है। इस मिशन के अंतर्गत पिछले 4 वर्षों में आरपीएफ के जांबाज़ों ने रेलवे स्‍टेशनों पर 1650 लोगों के जीवन को चलती रेलगाडि़यों के पहियों से रौंदे जाने से बचाया है।

ऑपरेशन मातृशक्ति

आरपीएफ कार्मिक, विशेष रूप से महिला आरपीएफ कार्मिक, जो फिलहाल बल में लगभग 9 प्रतिशत हैं, “ऑपरेशन मातृशक्ति” के तहत गर्भवती महिलाओं की बढ़-चढ़कर मदद करती हैं, जो अपनी ट्रेन यात्रा के दौरान प्रसव पीड़ा से गुजरती हैं और शिशु को जन्म देती हैं। 

ऑपरेशन अमानत

कई यात्री ट्रेन पकड़ने या स्टेशन से निकलने की हड़बड़ी में अपना सारा सामान ले जाना भूल जाते हैं। आरपीएफ कार्मिक ऐसे सामान को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं और उन्हें “ऑपरेशन अमानत” के तहत सही मालिकों तक पहुंचाते हैं। आरपीएफ ने फरवरी 2022 में इस ऑपरेशन के तहत 1746 यात्रियों को 2.93 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सामान वापस दिलाए। 2022 में, हमने उनके असली मालिकों को 5.74 करोड़ रुपये का सामान वापस कर दिया है।

ऑपरेशन सतर्क

देश के विभिन्न हिस्सों में अपराध करने या नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए कभी-कभी राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक ले जाया जाता है। आरपीएफ ऐसे तत्वों के मंसूबों को विफल करने के लिए “ऑपरेशन सतर्क” के तहत स्टेशनों, ट्रेनों और रेलवे क्षेत्र में गहन जांच कर रहा है। 

बचपन बचाओ आंदोलन

एसोसिएशन ऑफ वॉलंटरी एक्शन (एवीए) को बचपन बचाओ आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है। यह कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन से जुड़ा है, जिसकी स्थापना 1979 में नोबेल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में की गई थी।

इसकी स्थापना का उद्देश्य बच्चों के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा को खत्म करना और एक ऐसी दुनिया बनाना जहां सभी बच्चे स्वतंत्र, सुरक्षित और स्वस्थ हों और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करते हों। एवीए का उद्देश्य सहयोगात्मक कार्यों, राष्ट्रीय और वैश्विक नीतियों को सशक्त करके, कर्तव्य निर्वहन करने वाले लोगों का क्षमता निर्माण करके, नीति के कार्यान्वयन में सर्वोत्तम तरीकों की पहचान करके और बाल संरक्षण से संबंधित नियामक ढांचे को मजबूत करके इस मिशन को पूरा करना है।

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