एनीमिया: परिभाषा, कारण और सरकारी अभियान

सितंबर में पोषण माह 2022 के दौरान, बच्चों, किशोरियों गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं में एनीमिया (anemia) की रोकथाम और उपचार के लिए देश भर में T3 शिविर (टेस्‍ट, ट्रीट, टॉक), आईएफए वितरण, सेमिनार, एनीमिया के लिए आयुष, वेबिनार, प्रश्नोत्तरी और खाना बनाने की विधि प्रतियोगिता, पारंपरिक खाद्य प्रथाओं, जागरूकता रैलियों जैसी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।

एनीमिया क्या है?

एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) की संख्या, और फलस्वरूप उनकी ऑक्सीजन-वहन क्षमता, शरीर की शारीरिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपर्याप्त हो जाती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एनीमिया को एक निर्धारित कट-ऑफ बिंदु के नीचे हीमोग्लोबिन सांद्रता के रूप में परिभाषित करता है। यह कट-ऑफ बिंदु उम्र, लिंग, शारीरिक स्थिति, धूम्रपान की आदतों और लम्बाई पर निर्भर करता है जिस पर जनसंख्या का मूल्यांकन किया जा रहा है।

WHO 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन सांद्रता <110 ग्राम / एल समुद्र स्तर पर, और एनीमिया गैर गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन सांद्रता <120 ग्राम / L के रूप में परिभाषित करता है।

हालांकि आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया सबसे आम रूप है और आहार परिवर्तन के माध्यम से इसका इलाज करना अपेक्षाकृत आसान है। अन्य कारणों में तीव्र और जीर्ण संक्रमण शामिल हैं जिसके परिणामस्वरूप सूजन और रक्त की हानि होती है; विटामिन विशेष रूप से फोलेट, विटामिन बी 12 और विटामिन ए और खनिजों की कमी से और आनुवंशिक रूप से विरासत में मिले लक्षण, जैसे थैलेसीमिया भी एनीमिया के कारण हैं।

एनीमिया से निपटने के उपाय

आहार में सुधार/फोर्टिफिकेशन/विविधीकरण के माध्‍यम से आयरन की मात्रा बढ़ाने के लिए आहार आधारित दृष्टिकोण और स्वच्छ वातावरण का प्रावधान महत्वपूर्ण स्थायी रणनीतियाँ हैं जिनसे सामान्य आबादी में आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया को रोका जा सकता है।

एनीमिया से निपटने के लिए अपनी व्यापक रणनीति के हिस्से के रूप में, भारत सरकार ने कई राज्यों में योजनाओं/कार्यक्रमों के लिए केन्‍द्रीय मंत्रालयों से मुख्य खाद्य फोर्टिफिकेशन को शामिल किया है।

जन आंदोलन के तहत सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन संचार (SBCC) रणनीति के एक भाग के रूप में, मार्च में पोषण पखवाड़ा, 2022 के दौरान लगभग 6,278 एनीमिया शिविर, शहरी मलिन बस्तियों में 1,853 आउटरीच गतिविधियां, छात्रों के लिए 855 प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं और एनीमिया पर 1,63,436 गतिविधियां आयोजित की गईं।

उल्लेखनीय है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने आयुष मंत्रालय के साथ मिलकर पोषण पखवाड़ा, 2022 के दौरान कुल 12.77 लाख गतिविधियों का आयोजन किया, जिसमें एनीमिया की रोकथाम पर 5,03,411 गतिविधियां, गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के लिए आयुष पर 7,18,149 गतिविधियां और एनीमिया को दूर करने के लिए आयुष की भूमिका पर 56,168 वेबिनार आधारित गतिविधियां शामिल हैं।

इसके अलावा, पोषण माह 2021 के दौरान, गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के लिए आयुष पर 27,55,905 गतिविधियाँ और 63,013 एनीमिया शिविर आधारित गतिविधियाँ आयोजित की गईं।

पोषण अभियान कुपोषण से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए एक व्‍यावहारिक दृष्टिकोण है। प्रमुख मंत्रालयों/विभागों, मुख्य रूप से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ तालमेल में एनीमिया को कम करना पोषण अभियान के महत्वपूर्ण उद्देश्यों में से एक है। विभिन्न रणनीतिक उपायों के माध्यम से पोषण संबंधी निवेश में सुधार कर उन्‍हें मौजूदा स्वास्थ्य प्लेटफार्मों में करने के अनेक प्रयास चल रहे हैं।

पोषण अभियान के तहत, सामुदायिक जुड़ाव, लाभार्थियों के सशक्तिकरण और बेहतर पोषण की दिशा में व्यवहार परिवर्तन के लिए व्‍यवस्‍था क्रम को मजबूत करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं, जिसके लिए अभियान आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में समुदाय आधारित कार्यक्रम (सीबीई) आयोजित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

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