ग्लोबल ग्लेशियर कैजुअल्टी लिस्ट में ‘याला ग्लेशियर’ शामिल
नेपाल के सबसे व्यापक रूप से अध्ययन किए गए ग्लेशियरों में से एक याला ग्लेशियर (Yala glacier) के 2040 तक गायब होने की आशंका व्यक्त की गई है। यह पूरे हिमालय में एकमात्र ऐसा ग्लेशियर है जिसे ग्लोबल ग्लेशियर कैजुअल्टी लिस्ट (Global Glacier Casualty List) में शामिल किया गया है।
‘ग्लोबल ग्लेशियर कैजुअल्टी लिस्ट’ राइस यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ आइसलैंड, आइसलैंड ग्लेशियोलॉजिकल सोसाइटी, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO), विश्व ग्लेशियर निगरानी सेवा और यूनेस्को के बीच सहयोग से 2024 में शुरू की गई एक परियोजना है।
इस रिपोर्ट के अनुसार 1974 से 2021 के बीच याला ग्लेशियर 680 मीटर सिकुड़ गया है। इस लिस्ट में कुल 15 ग्लेशियरों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें कुछ पहले ही गायब हो चुके हैं। इनमे सबसे हालिया उदाहरण वेनेजुएला में पिको हम्बोल्ट ग्लेशियर (Pico Humboldt glacier) और फ्रांस में सरेन ग्लेशियर (Sarenne glacier) हैं, जो क्रमशः 2024 और 2023 में गायब हो गए। नेपाल के याला ग्लेशियर को “क्रिटिकली एंडेंजर्ड ” के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
एशिया का एक और ग्लेशियर जो ग्लोबल ग्लेशियर कैजुअल्टी लिस्ट की “क्रिटिकली एंडेंजर्ड” श्रेणी में आया है, वह चीन का डागू ग्लेशियर है, जिसके 2030 तक गायब होने की उम्मीद है। वास्तव में, ग्लेशियोलॉजिकल अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि पिछले कुछ दशकों में, चीनी ग्लेशियर 12,442.4 वर्ग किमी तक सिकुड़ गए है।