ट्रांसफर प्राइसिंग

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने असेसमेंट ईयर (AY) 2024-25 के लिए ट्रांसफर प्राइसिंग की ऊपरी सीमा अधिसूचित की है। यह ऊपरी सीमा करदाताओं को निश्चितता प्रदान करेगी और ट्रांसफर प्राइसिंग में लेनदेन की प्राइस के निर्धारण से जुड़े जोखिम को कम करेगी।

ट्रांसफर प्राइसिंग किसी कंपनी समूह की एक शाखा से दूसरी शाखा में स्थानांतरित की गई वस्तु और सेवा का मूल्य निर्धारित करने के लिए एक तंत्र है।

ट्रांसफर प्राइसिंग से संबंधित प्रावधान 2001 में आयकर अधिनियम में जोड़े गए थे, जो मोटे तौर पर आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप थे।

ट्रांसफर प्राइसिंग एक ऐसा तंत्र है जो किसी संगठन की स्वतंत्र रूप से संचालित दो यूनिट्स के बीच वस्तुओं या सेवाओं के मूल्य का प्रतिनिधित्व करने वाले मूल्य को निर्धारित करता है।

‘एट आर्म्स लेंथ’ टर्म का सीधा सा मतलब है कि कम्पनी की दो यूनिट्स के बीच किसी वस्तु-सेवा का लेन-देन मूल्य किसी तीसरी कम्पनी के बीच उसी वस्तु और सेवा के लेनदेन मूल्य के बराबर होना चाहिए।

यह वैल्यूएशन सिद्धांत आमतौर पर संबंधित कंपनियों के बीच वाणिज्यिक और वित्तीय लेन-देन पर लागू होता है। यह कहता है कि लेन-देन का वैल्यूएशन  इस तरह किया जाना चाहिए जैसे कि वे दो अलग-अलग पक्षों के बीच किए गए थे।

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