सूरजमुखी (Sunflower)
एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन दशकों में भारत में सूरजमुखी (Sunflower) की खेती में 90 प्रतिशत की गिरावट आई है। स्थिति केवल बदतर होती जा रही है क्योंकि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण जारी है और भारत अपने अधिकांश सूरजमुखी तेल इन दोनों देशों से आयात करता है।
- वर्ष 1993-94 में भारत में 26.68 लाख हेक्टेयर में सूरजमुखी की खेती की गई थी। यह अब 2020-21 में घटकर महज 2.26 लाख हेक्टेयर रह गया है। भारत अन्य खाद्य तेलों की तरह सूरजमुखी के तेल के आयात पर निर्भर है।
- केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, आयात किए जा रहे कुल तेलों में सूरजमुखी तेल का हिस्सा 16 प्रतिशत है। भारत द्वारा आयातित सूरजमुखी तेल का सत्तर प्रतिशत यूक्रेन से आता है, जबकि 20 प्रतिशत रूस से आता है। लेकिन यूक्रेन के आक्रमण के बाद आयात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
- सूरजमुखी (Helianthus annuus) एक वार्षिक पौधा है जिसमें बड़े डेज़ी जैसे फूल वाले फेस होते हैं।
- सूरजमुखी हेलियोट्रोपिक पौधा हैं, जिसका अर्थ है कि ये अपने फूलों को पूर्व से पश्चिम में आकाश में सूर्य की गति के अनुरूप बदलते रहते हैं। जिस ओर सूर्य होता है यह उसी ओर मुख किये होता है। फिर रात में वापस पूर्व की ओर मुंह कर लेते हैं और सूर्योदय के लिए फिर से तैयार होते हैं।
- हेलियोट्रोपिज्म फूल के बीज के भारी होने से पहले के चरणों के दौरान होता है।
- सूरजमुखी की 52 प्रजातियां हैं, जो सभी उत्तरी अमेरिका और मैक्सिको मूल का है।
- सूरजमुखी के तेल को अन्य वनस्पति तेल की तुलना में प्रीमियम माना जाता है क्योंकि यह हल्के पीले रंग का होता है। इसमें लिनोलेइक एसिड (linoleic) का उच्च स्तर होता है जबकि लिनोलेनिक एसिड (linolenic acid) अनुपस्थिति होता है।
- सूरजमुखी का तेल लिनोलिक एसिड का एक समृद्ध स्रोत (64 प्रतिशत) है जो हृदय रोगियों के लिए अच्छा है। लिनोलिक एसिड हृदय की कोरोनरी धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के जमाव को दूर करने में मदद करता है।
- तेल का उपयोग हाइड्रोजनीकृत तेल के निर्माण के लिए भी किया जाता है।
- भारत में सूरजमुखी के उत्पादन में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की 45.05 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
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