भारत के विदेशी ऋण 2021-22 पर स्थिति रिपोर्ट
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की विदेशी ऋण प्रबंधन इकाई (EDMU) ने भारत के विदेशी ऋण 2021-22 पर स्थिति रिपोर्ट (Status Report on India’s External Debt 2021-22) का 28वां संस्करण जारी किया है।
मार्च 2022 के अंत में भारत का विदेशी ऋण/external debt 620.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो मार्च 2021 के अंत में रहे 573.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण से 8.2 प्रतिशत अधिक था। जबकि इसका 53.2 प्रतिशत अमेरिकी डॉलर के मूल्य वर्ग में था, भारतीय रुपये के मूल्य वर्ग का ऋण 31.2 प्रतिशत अनुमानित था जो दूसरी सबसे बड़ी राशि है।
मार्च 2022 के अंत में विदेशी ऋण सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात (External debt as a ratio to GDP) में मामूली रूप से गिरकर 19.9 प्रतिशत हो गया जो एक साल पहले के 21.2 प्रतिशत था।
विदेशी ऋण के अनुपात के रूप में विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign currency reserves as a ratio to external debt) मामूली रूप से गिरकर मार्च 2022 के अंत में 97.8 प्रतिशत पर रहा जो एक साल पहले 100.6 प्रतिशत था।
दीर्घकालिक ऋण/long-term debt 499.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर अनुमानित था, जो 80.4 प्रतिशत का सबसे बड़ा हिस्सा था, जबकि 121.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अल्पकालिक ऋण/short-term debt ऐसे कुल ऋण का का 19.6 प्रतिशत था। अल्पकालिक व्यापार ऋण मुख्य रूप से व्यापार ऋण/trade credit (96 प्रतिशत) वित्तपोषण आयात के रूप में था।
वाणिज्यिक उधार (Commercial borrowings), अप्रवासी जमा राशि (NRIs deposits), अल्पकालिक व्यापार ऋण और बहुपक्षीय ऋण (multilateral loans) एक साथ मिलकर कुल विदेशी ऋण का 90 प्रतिशत है, जबकि मार्च 2021 के दौरान NRI में मामूली कमी हुई तो दूसरी ओर वाणिज्यिक उधार अल्पकालिक व्यापार ऋण और बहुपक्षीय ऋण में इस अवधि के दौरान बढ़ोत्तरी हुई। वाणिज्यिक उधार, अल्पकालिक व्यापार ऋण और बहुपक्षीय ऋण में बढ़ोत्तरी हुई जो कुल मिलाकर NRI की जमाराशि में आई कमी से कही अधिक थी।
मार्च 2022 के अंत तक, संप्रभु विदेशी ऋण (sovereign external debt) की राशि 130.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी, जो पिछले साल के स्तर से 17.1 प्रतिशत अधिक है। यह 2021-22 के दौरान आईएमएफ द्वारा दी गई एसडीआर के अतिरिक्त आवंटन को दर्शाती है।
मार्च 2022 के अंत में गैर-संप्रभु विदेशी ऋण (Non-sovereign external debt) 490.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर अनुमानित था जो एक वर्ष पहले के स्तर से 6.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वाणिज्यिक उधार, NRI जमा राशि और अल्पकालिक व्यापार ऋण (trade credit) गैर-संप्रभु ऋण के लगभग 95 प्रतिशत है। मार्च 2022 के अंत में अल्पकालिक व्यापार ऋण 20.7 प्रतिशत बढ़कर 117.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया जिसमें वर्ष 2021-22 के दौरान आयात में हुई भारी बढ़ोत्तरी का योगदान है।
ऋण सेवा अनुपात (debt service ratio) वर्तमान प्राप्तियों में उछाल और ऋण सेवा भुगतान में कमी के कारण वर्ष 2020-21 में 8.2 प्रतिशत था जो 2021-22 के दौरान घटकर 5.2 प्रतिशत हो गया। ऋण सेवा अनुपात मूलधन चुकौती और ब्याज भुगतान को कहते हैं।
क्रॉस-कंट्री परिप्रेक्ष्य में भारत का विदेशी ऋण मामूली है, जो विश्व स्तर पर 23वें स्थान पर है।