जेम्स वेब टेलिस्कोप ने बृहस्पति के औरोरा, दो चंद्रमाओं और ग्रेट रेड स्पॉट की फोटो ली है
जेम्स वेब टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) अंतरिक्ष से नियमित अंतराल पर ब्रह्माण्ड के आश्चर्यों से परिचित करा रहा है। इसी क्रम में इसने बृहस्पति ग्रह की फोटो खींची है जिसे 22 अगस्त को जारी की गयी है।
इन फोटो को टेलीस्कोप के नियर-इन्फ्रारेड कैमरा, या NIRCam का उपयोग करके कैप्चर किया गया है, जो विशेष इन्फ्रारेड फिल्टर का उपयोग करता है।
फ़िलहाल दो रंगीन फोटो जारी की गयी है। एक में बृहस्पति के ध्रुवों पर औरोरा (ध्रुवीय रोशनी) देखने को मिल रहे हैं। इसके अलावा नासा की ओर से जारी फोटो में बृहस्पति की धुंधली रिंग (वाले) भी देखने को मिल रही है।
तस्वीर में बृहस्पति ग्रह का ग्रेट रेड स्पॉट भी दिख रहा है। ग्रेट रेड स्पॉट एक तूफान है जो पृथ्वी के आकार से भी बड़ा है। तस्वीर में हालांकि लाल रंग का ये तूफान सफेद दिख रहा है।
बृहस्पति के चारों ओर एक रिंग भी टेलीस्कोप ने देखी है, जो ग्रह से लगभग 10 लाख गुना कम चमकीला है।
बृहस्पति के दो चन्द्रमा अमलथिया और एड्रास्टिया (Amalthea and Adrastea) भी इस तस्वीर में दिखे हैं।
जेम्स वेब टेलीस्कोप
जेम्स वेब टेलीस्कोप, नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और कनाडा अंतरिक्ष एजेंसी की संयुक्त पहल है, को इसके सोने के दर्पण के साथ 25 दिसंबर 2021 को लॉन्च किया गया था। 12 जुलाई 2022 को इसने अपनी पहली फोटो जारी की थी जो अंतरिक्ष की अब तक की सबसे दूर की फोटो थी।
बृहस्पति (Jupiter)
सूर्य से पांचवें स्थान पर स्थित बृहस्पति, सौर मंडल का अब तक का सबसे बड़ा ग्रह है – अन्य सभी ग्रहों के संयुक्त रूप से दोगुने से भी अधिक। बृहस्पति की परिचित धारियाँ और लहरें वास्तव में हाइड्रोजन और हीलियम के वातावरण में तैरते हुए अमोनिया और पानी के ठंडे, हवा वाले बादल हैं।
बृहस्पति का ग्रेट रेड स्पॉट पृथ्वी से भी बड़ा एक विशाल तूफान है जो सैकड़ों वर्षों से चला आ रहा है।
अंतरिक्ष यान – नासा का जूनो ऑर्बिटर – वर्तमान में इस विशाल दुनिया की खोज कर रहा है।
बृहस्पति हर 10 घंटे (एक जोवियन दिन) में एक बार अपने अक्ष पर घूमता है, लेकिन सूर्य की एक कक्षा (एक जोवियन वर्ष) को पूरा करने में लगभग 12 पृथ्वी वर्ष लगता है।
बृहस्पति के 75 से अधिक चंद्रमा हैं।
वर्ष 1979 में वोयाजर मिशन ने बृहस्पति के कमजोर वलय तंत्र (ring system) की खोज की थी । हमारे सौर मंडल के सभी चार विशाल ग्रहों में रिंग सिस्टम हैं।