केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम (NTPS) लॉन्च किया

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने 29 दिसंबर को देश भर में टिम्बर या इमारती लकड़ी, बांस और अन्य वन उपज के बिना परेशानी के ट्रांजिट की सुविधा के लिए पूरे भारत में नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम (National Transit Pass System: NTPS) लॉन्च किया।

वर्तमान में, राज्य विशेष ट्रांजिट नियमों के आधार पर लकड़ी और फॉरेस्ट प्रोडक्ट्स के ट्रांसपोर्ट के लिए ट्रांजिट परमिट जारी किए जाते हैं।

नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम की कल्पना “वन नेशन-वन पास” व्यवस्था के रूप में की गई है, जो पूरे देश में बाधा रहित ट्रांजिट को संभव बनाएगी।

यह पहल देश भर में कृषि वानिकी यानी एग्रो-फॉरेस्ट्री में शामिल वृक्ष उत्पादकों और किसानों के लिए एक यूनिफाइड, ऑनलाइन मोड प्रदान करके टिम्बर ट्रांजिट परमिट जारी करने को आसान करेगी, जिससे व्यापार करने में आसानी होगी।

नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम के तहत जेनेरेट किये गए QR कोड वाले ट्रांजिट परमिट, परमिट की वैधता को सत्यापित करने और निर्बाध ट्रांजिट की अनुमति देने के लिए विभिन्न राज्यों में चेक गेट की अनुमति देगा।

नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम की शुरुआत से पहले, रस्ते में विभिन्न राज्यों से ट्रांजिट परमिट प्राप्त करना समय लेने वाली प्रक्रिया थी, जिससे राज्यों में लकड़ी और वन उत्पादों के परिवहन में बाधाएं पैदा होती थीं।

प्रत्येक राज्य के अपने स्वयं के ट्रांजिट नियम हैं, जिसका अर्थ है कि राज्यों में लकड़ी या वन उपज का परिवहन करने के लिए, प्रत्येक राज्य में एक अलग ट्रांजिट पास जारी करना आवश्यक था।

नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम निर्बाध पारगमन परमिट प्रदान करता है, निजी भूमि, सरकारी स्वामित्व वाले वन और निजी डिपो जैसे विभिन्न स्रोतों से प्राप्त लकड़ी, बांस और अन्य वन उपज के राज्यों के बीच और राज्य के भीतर ट्रांसपोर्ट के लिए रिकॉर्ड का प्रबंधन करता है।

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