पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के साथ पार्वती-कालीसिंध-चंबल संपर्क नहर परियोजना का एकीकरण को मंजूरी
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में 13 दिसंबर को राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (NWDA) सोसायटी की 36वीं वार्षिक आम सभा और नदियों को आपस में जोड़ने संबंधी विशेष समिति (Special Committee for Interlinking of Rivers : SCILR)की 20वीं बैठक का आयोजन किया गया।
श्री शेखावत ने दिसंबर, 2021 में भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किए गए केन-बेतवा संपर्क परियोजना (राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के अंतर्गत पहली इंटरलिंकिंग ऑफ रिवर्स परियोजना) के कार्यान्वयन की उल्लेखनीय उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए एक वरदान साबित होगी और इसे आठ वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नदियों को आपस में जोड़ने वाला कार्यक्रम देश में जल और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और यह सूखा प्रभावित और वर्षा द्वारा सिंचित कृषि भूमि को जल उपलब्ध कराने में मदद करेगा।
पार्वती-कालीसिंध-चंबल (PKC) संपर्क नहर परियोजना
नदियों को आपस में जोड़ने संबंधी विशेष समिति (SCILR) ने इंटरलिंकिंग ऑफ रिवर्स की राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (National Perspective Plan) के एक हिस्से के रूप में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के साथ पार्वती-कालीसिंध-चंबल (Parbati-Kalisindh-Chambal: PKC) संपर्क नहर परियोजना का एकीकरण करने पर विचार वाले प्रस्ताव को अपनी मंजूरी प्रदान की और परियोजना के पहले चरण को प्राथमिकता वाली इंटरलिंकिंग परियोजना घोषित किया।
पार्वती नदी बेसिन राजस्थान के पूर्वी भाग में स्थित है। पार्वती नदी का उद्गम सवाई माधोपुर जिले की सीमा के निकट करौली जिले की पहाड़ियों से होता है। यह धौलपुर जिले के खड़गपुर गांव के पास गंभीर नदी (Gambhir River) में शामिल होने से पहले लगभग 123 किमी उत्तर पूर्व दिशा में बहती है।
काली सिंध, उत्तरी भारत में मध्य प्रदेश और राजस्थान में एक नदी है। यह गंगा बेसिन में चंबल नदी की एक सहायक नदी है।