सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के फ़ैसले को बरकरार रखा

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से क्रमशः 5 और 6 अगस्त, 2019 के दो राष्ट्रपति आदेशों CO  (संविधान (जम्मू और कश्मीर में लागू) आदेश) 272 और 273 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा।

इन आदेशों के द्वारा भारत का संपूर्ण संविधान जम्मू-कश्मीर पर लागू कर दिया गया और अनुच्छेद 370 के सभी प्रावधानों को निष्क्रिय घोषित कर दिया गया।  जम्मू और कश्मीर को संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A (राष्ट्रपति के आदेश के जरिए बना कानून) के तहत विशेष दर्जा प्राप्त था।

कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 370 एक ‘अस्थायी प्रावधान’ है, और इसे राज्य में युद्धकालीन परिस्थितियों के कारण बनाया गया था और इसका उद्देश्य ट्रांज़िशन  उद्देश्य की पूर्ति करना था।

भारत में विलय के बाद जम्मू-कश्मीर की कोई आंतरिक संप्रभुता  नहीं है और भारतीय संविधान को राज्य में लागू करने के लिए राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता नहीं है।

अदालत ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य के पुनर्गठन की वैधता पर फैसला नहीं सुनाया। हालाँकि, इसने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के निर्णय को बरकरार रखा

अदालत ने भारत के चुनाव आयोग को 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराने के लिए कदम उठाने का भी निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति एस.के. कौल ने अपने सहमतिपूर्ण फैसले में 1980 के दशक से राज्य और नॉन स्टेट एक्टर्स  द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच और रिपोर्ट करने के लिए एक निष्पक्ष सत्य और सुलह आयोग (Truth and Reconciliation Commission) के गठन की सिफारिश की। आयोग को समयबद्ध तरीके से समाधान के उपाय सुझाने का काम सौंपा गया है। राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य की ओर से लिए गए केंद्र के फ़ैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती है।   अनुच्छेद 370(3) के तहत राष्ट्रपति को 370 को निष्प्रभावी करने का अधिकार है।

शीर्ष अदालत ने कहा, भारत के संविधान के अनुच्छेद 1 में प्रावधान है कि भारत राज्यों का एक संघ है। अनुच्छेद 1 में “भाग III राज्यों” का संदर्भ दिया गया है, और जम्मू और कश्मीर को भारत के संविधान की पहली अनुसूची में भाग III राज्य (2019 से पहले) के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।

 जम्मू-कश्मीर के संविधान की धारा 3 में घोषित किया गया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। प्रावधान कहता है: “भारत संघ के साथ राज्य का संबंध: जम्मू और कश्मीर राज्य भारत संघ का अभिन्न अंग है और रहेगा।” जम्मू-कश्मीर संविधान की धारा 147 धारा 3 में किसी भी संशोधन पर रोक लगाती है। इस तरह यह  अभिन्न अंग है। 

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