केन्‍द्रीय बजट 2024-25: मुख्य विशेषताएं

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने संसद में 23 जुलाई को केन्द्रीय बजट 2024-25 (Union Budget 2024-25) पेश करते हुए कई घोषणाएं कीं।

निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवां केंद्रीय बजट पेश किया है। इस तरह उन्होंने मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिन्होंने लगातार छह बजट पेश किए थे।

2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा (फिस्कल डेफिसिटी) का बजट अनुमान : जीडीपी का 4.9 प्रतिशत। सरकार का लक्ष्‍य घाटे को अगले साल 4.5 प्रतिशत से नीचे लाना है।

बजट में रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्‍य वर्ग पर विशेष ध्‍यान दिया गया है।

प्रधानमंत्री पैकेज के तहत पांच योजनाओं की घोषणा : 4.1 करोड़ युवाओं के लिए पांच साल में रोजगार-कौशल और अन्‍य अवसरों के लिए प्रधानमंत्री पैकेज (Prime Minister’s package) के तहत पांच योजनाओं और पहलों की घोषणा की गई है।

  • योजना क- पहली बार रोजगार प्राप्त करने वालों के लिए : ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को 15 हजार रुपये तक के एक महीने का वेतन जिसे तीन किस्तों में दिया जाएगा।
  • योजना ख- विनिर्माण में रोजगार सृजन : कर्मचारी और नियोक्‍ता दोनों को सीधे प्रोत्‍साहन राशि उपलब्‍ध कराई जायेगी जो नौकरी के पहले चार साल में दोनों के ईपीएफओ योगदान पर निर्भर है।
  • योजना ग- नौकरी देने वाले को मदद : सरकार नियोक्‍ता को उसके ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल तक हर अतिरिक्‍त कर्मचारी पर 3000 हजार रुपये प्रत्‍येक महीना भुगतान करेगी।
  • कौशल के लिए नई केन्‍द्र प्रायोजित योजना: अगले पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं का कौशल बढ़ाया जाएगा। 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों का अपग्रेड किया जाएगा।
  • अगले पांच वर्षों में 500 शीर्ष कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए जाएंगे। योजना में 5,000 प्रतिमाह का इंटर्नशिप भत्ता और 6,000 की एकबारगी सहायता दी जाएगी।

सरकार की योजनाओं और नीतियों के तहत किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं को घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता।

आयकर व्यवस्था में कई बदलाव: 2024-25 के बजट में वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ पहुंचाने के लिए आयकर व्यवस्था में कई बदलाव किए गए हैं। नई कर व्यवस्था को चुनने वाले वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है। इसी तरह पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है। 

प्रधानमंत्री जनजातीय उन्‍नत ग्राम अभियान: जनजातीय-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों का सामाजिक-आर्थिक विकास, इसमें 63,000 गांवों के 5 करोड़ जनजातीय लोग लाभार्थी होंगे। 

मुद्रा लोन: ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत मुद्रा ऋणों की सीमा को उन उद्यमियों के लिए मौजूदा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया जाएगा जिन्होंने पहले के ऋणों को सफलतापूर्वक चुका दिया है।

क्रिटिकल मिनरल मिशन: घरेलू उत्पादन, महत्वपूर्ण खनिजों की रिसाइक्लिंग और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज संपदा का अधिग्रहण करने के लिए क्रिटिकल खनिज मिशन की स्थापना होगी।

शहरी आवास: प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत, 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता सहित 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से अगले पांच वर्ष में 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास जरूरतों का समाधान किया जाएगा। 

स्ट्रीट मार्केट: अगले पांच वर्षों में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘हाट’ या स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए नई योजना।

छोटे तथा मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों का अनुसंधान और विकास: भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर के अनुसंधान एवं विकास तथा परमाणु ऊर्जा के लिए और भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना के लिए नई प्रौद्योगिकियों के लिए सरकार निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी।

‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों के लिए रोडमैप: ‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों को वर्तमान के ‘परफॉर्म, एचीव एंड ट्रेड’ पद्धति से ‘इंडियन कार्बन मार्केट’ पद्धति में परिवर्तित करने के लिए उपयुक्त रेगुलेशन बनाया जायेगा। हार्ड टू एबेट ऐसे उद्योग को कहा जाता है जिनमें कोयला जैसे फॉसिल फ्यूल का उपयोग बंद करना बहुत मुश्किल है।

सिंचाई और बाढ़ उपशमन: बिहार में कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक और अन्‍य योजनाओं जैसी परियोजनाओं के लिए 11,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता।

पर्यटन: विष्णुपद मंदिर गलियारा, महाबोधि मंदिर गलियारा और राजगीर का व्‍यापक विकास।  ओडिशा के मंदिरों, स्मारक, शिल्प, वन्य जीव अभयारण्य, प्राकृतिक भू-दृश्य और प्राचीन समुद्री तट के विकास हेतु सहायता

एनपीएस-वात्सल्य: बजट 2024 में नाबालिगों के लिए एनपीएस-वात्सल्य नामक एक नई योजना प्रस्तावित की गई है, जिसके तहत माता-पिता और अभिभावक नाबालिगों के लिए योगदान कर सकते हैं। वयस्क होने पर, योजना को सामान्य NPS (राष्ट्रीय पेंशन योजना) खाते में आसानी से परिवर्तित किया जा सकता है।

औषधियां एवं चिकित्‍सा उपकरण: कैंसर की तीन दवाइयां- ट्रेस्‍टुजुमाब डिरूक्‍सटीकेन, ओसिमर्टिनिब और डुर्वालुमैब को सीमा शुक्‍ल से पूरी तरह छूट।

कैपिटल गेन टैक्स: लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है. वहीं शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स को बढ़ाकर 20% कर दिया है। एसेट्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के छूट की सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख प्रतिवर्ष कर दिया गया है। यदि किसी स्‍टॉक को 1 साल के भीतर बेचा जाता है तो उसपर हुए मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स लगता है। वहीं, स्‍टॉक 1 साल बाद बेचा गया तो लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स लगता है।

एंजेल टैक्स: स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए सभी वर्गों निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव।

इक्वलाइजेशन लेवी: 2 प्रतिशत के इक्वलाइजेशन लेवी को वापस ले लिया गया है। भारत में 2016 में इक्वलाइजेशन लेवी की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य डिजिटल लेनदेन पर कर लगाना था। नॉन-रेजिडेंट (विदेशी) कंपनियों द्वारा भारत डिजिटल लेनदेन से प्राप्त आय पर यह लगाया जाता था।

नई कर व्‍यवस्‍था के तहत व्यक्तिगत आयकर में बदलाव: वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रूपये से बढ़ाकर 75,000 रूपये कर दिया गया है। पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15,000 रूपये से बढ़ाकर 25,000 रूपये कर दिया गया है।

सिक्यूरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स: फ्यूचर्स और ऑप्सन्स पर सिक्यूरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स को बढ़ाकर क्रमशः 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत कर दिया गया है।

बजट अनुमान 2024-25:

o  ऋण को छोड़कर कुल प्राप्तियां: 32.07 लाख करोड़ रुपये 

o  कुल व्‍यय: 48.21 लाख करोड़ रुपये

o  सकल कर प्राप्ति: 25.83 लाख करोड़

o  वित्‍तीय घाटा: जीडीपी का 4.9 प्रतिशत।

•  सरकार का लक्ष्‍य घाटे को अगले साल 4.5 प्रतिशत से नीचे लाना है।

•  मुद्रास्‍फीति कम, स्‍थायी और 4 प्रतिशत के लक्ष्‍य की ओर जारी है।

•  कोर मुद्रास्‍फीति (गैर-खाद्य, गैर-ईंधन) 3.1 प्रतिशत।

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