इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के तहत इथेनॉल खरीदने की प्रक्रिया को मंजूरी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) 1 दिसम्‍बर 2022 से 31 अक्टूबर, 2023 के दौरान आगामी चीनी मौसम 2022-23 में इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (Ethanol Blended Petrol: EBP) कार्यक्रम के तहत गन्‍ने की अलग-अलग किस्‍मों पर आधारित कच्‍चे माल से प्राप्त उच्च इथेनॉल मूल्य को मंजूरी दे दी है।

C हैवी मौलेसेस, B-हैवी मौलेसेस और गन्ने के रस/चीनी/चीनी के सीरप रूट से इथेनॉल की अलग-अलग प्रशासित मूल्य घोषित की गयी है।

सरकार इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम

सरकार इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम लागू कर रही है, विशेष रूप से तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) ऐसा पेट्रोल बेचती हैं जिसमें 10 प्रतिशत तक इथेनॉल मिला हुआ होता है।

इस कार्यक्रम को वैकल्पिक और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप समूह के केन्‍द्र शासित प्रदेशों को छोड़कर पूरे भारत में 01 अप्रैल, 2019 से लागू किया गया है।

इस तरह के कार्यक्रम ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए आयात निर्भरता को कम करने और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने का भी प्रयास करती है।

सरकार ने 2014 से इथेनॉल की निर्देशित कीमत को अधिसूचित किया है।

पहली बार, 2018 के दौरान सरकार द्वारा इथेनॉल उत्पादन के लिए उपयोग किए गए फीड स्टॉक के आधार पर इथेनॉल के अलग-अलग मूल्यों की घोषणा की गई थी।

सरकार ने 2030 की शुरुआत से इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को एडवांस कर दिया है और “भारत में इथेनॉल मिश्रण के लिए रोडमैप 2020-25” जारी किया गया है।

इथेनॉल के अपने फायदे-नुकसान हैं। इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल के उपयोग से कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), हाइड्रोकार्बन (HC) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) जैसे उत्सर्जन में कमी आती है। E20 ईंधन के साथ CO उत्सर्जन में उच्च कमी देखी गई – दोपहिया वाहनों में 50 प्रतिशत कम और चार पहिया वाहनों में 30 प्रतिशत कम।

हालाँकि हाल में इथेनॉल के उत्पादन पर चिंता भी जताई गयी है। गन्ना उत्पादन के लिए अधिक जल की जरुरत पड़ती है। वहीं भारत के कई क्षेत्र जल संकट का सामना कर रहे हैं।

इथेनॉल आपूर्ति वर्ष

चीनी मौसम की शुरुआत से ही बड़ी मात्रा में इथेनॉल उपलब्ध होने के कारन इथेनॉल आपूर्ति वर्ष को फिर से परिभाषित कर 1 नवम्‍बर से 31 अक्टूबर तक कर दिया गया है। नया आपूर्ति वर्ष 1 नवम्‍बर, 2023 से लागू होगा।

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